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हाथी-गुलदार के आतंक से पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के लिए 15 लाख मंजूर

मैदान से लेकर पहाड़ तक गुलदार के आतंक के बीच वन विभाग ने सालों पुराने मुआवजे को लेकर 15 लाख से अधिक की धनराशि मंजूर कर ली है। हल्द्वानी डिवीजन के कुल 105 मामलों में यह पैसा वितरित किया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 10:47 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 10:47 AM (IST)
हाथी-गुलदार के आतंक से पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के लिए 15 लाख मंजूर
हाथी-गुलदार के आतंक से पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के लिए 15 लाख मंजूर

हल्द्वानी, जेएनएन : मैदान से लेकर पहाड़ तक गुलदार के आतंक के बीच वन विभाग ने सालों पुराने मुआवजे को लेकर 15 लाख से अधिक की धनराशि मंजूर कर ली है। हल्द्वानी डिवीजन के कुल 105 मामलों में यह पैसा वितरित किया जाएगा। इस डिवीजन के तहत आने वाला जंगल नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत तक फैला हुआ है।

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फतेहपुर, भीमताल, अल्मोड़ा से लेकर पिथौरागढ़ तक पिछले एक माह से गुलदार ने आतंक मचा रखा है। लोगों की जान लेने के साथ गुलदार कई को घायल भी कर चुका। वहीं, हल्द्वानी के आसपास के इलाके में पिछले दस दिन से हाथी काश्तकारों की मेहनत को रौंदने में लगे हैं। मौत और घायल होने के साथ विभाग फसल व मवेशी नुकसान में भी कुछ आर्थिक मदद करता है। लगातार हो रही घटनाओं के बाद विभाग ने 15 लाख 18 हजार रुपये जारी कर दिए। जल्द पीडि़तों को रकम मिल जाएगी।

शुक्र है कि गुलदार नहीं लौटा

फतेहपुर के ग्रामीण गुलदार के दोबारा नहीं लौटने से राहत महसूस कर रहे हैं। आठ लोगों पर हमला करने वाला गुलदार यहां नरभक्षी तो घोषित किया गया था। मगर उसे मारने के लिए शिकारी नहीं पहुंच सका। मेरठ से बुलाया शिकारी एक बार दो दिन के लिए आया था। उसके बाद पिथौरागढ़ चला गया।

भालू और सांप की तुलना में बाघ शांत

साल 2001 से 2019 तक के आंकड़ें बताते हैं कि जंगल का राजा बाघ हाथी-भालू और सांप की तुलना में ज्यादा शांत हैं। क्योंकि, टाइगर के हमले में कम लोगों ने जान गंवाई। रिकार्ड के मुताबिक इस अवधि में बाघ ने 46, भालू ने 54 और सांप ने 114 लोगों की जान ली।


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