स्नातक की डिग्री के लिए अधिकतम सीमा पांच साल तय
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विवि के परिसरों व संबद्ध कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को अब पांच स
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विवि के परिसरों व संबद्ध कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को अब पांच साल की अवधि में स्नातक पास करना ही होगा। यदि पांच साल में वह परीक्षा पास नही कर पाए तो उन्हें पढ़ाई जारी रखने के लिए नए सिरे से एडमिशन लेना होगा। यूजीसी की ओर से सेमेस्टर प्रणाली लागू करने के बाद समयावधि निर्धारित की गई है, जिसे कुमाऊं विवि ने भी मौजूदा शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया है।
दरअसल पिछले सप्ताह विवि परीक्षा समिति के समक्ष विवि से संबद्ध निजी शिक्षण संस्थान के छात्र के मामले पर विचार हुआ। छात्र 2012 में बीबीए चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुआ लेकिन मुख्य व बैक परीक्षा में फेल हो गया। इसी साल उसने दुबारा परीक्षा में शामिल होने का आवेदन किया। विवि की जांच पड़ताल में पाया गया कि छात्र ने 2010 में बीबीए में प्रवेश लिया था और नियमानुसार पांच साल की अवधि पूरी हो चुकी है। चर्चा उपरांत छात्र को परीक्षा की अनुमति दे दी गई। कुलपति प्रो.एचएस धामी के अनुसार यूजीसी की गाइड लाइन मौजूदा शिक्षण सत्र से प्रभावी हो गई है।
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एक सत्र में दो डिग्री अमान्य
नैनीताल : विवि की सख्ती के बावजूद एक सत्र में दो डिग्रियां हासिल करने के मामले थम नही रहे हैं। ऐसे ही एक मामले पर विचार के बाद परीक्षा समिति ने एक डिग्री को निरस्त कर दिया जबकि दूसरी मान्य करार दी गई। पीजी कॉलेज हल्द्वानी की पीजी की छात्रा ने तीसरे सेमेस्टर का परीक्षाफल घोषित करने का अनुरोध विवि से किया था। पड़ताल की गई तो पता चला कि छात्रा ने 2013 में एमए मनोविज्ञान में प्रवेश लिया और 2014 में देवभूमि संस्थान रुद्रपुर से बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश ले लिया। 2014 में उसने एमए द्वितीय सेमेस्टर व बीएड में प्रवेश लिया और परीक्षा उत्तीर्ण की। समिति ने निर्णय दिया कि एक ही सत्र में दो डिग्री पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना विवि नियमानुसार अनुमन्य नही है।