दो दशक से पुलिस की निगाह से ओझल हुए 11 बदमाश, एक महिला भी फरार
19 साल पहले मफरूर घोषित हो चुके 11 बदमाश पुलिस के लिए अब भी चुनौती बने हुए हैं। इन्हें पकड़ने के लिए मुखबिरी तंत्र सक्रिय करने के साथ अभियान भी चलाया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
हल्द्वानी, जेएनएन : 19 साल पहले मफरूर घोषित हो चुके 11 बदमाश पुलिस के लिए अब भी चुनौती बने हुए हैं। इन्हें पकड़ने के लिए मुखबिरी तंत्र सक्रिय करने के साथ अभियान भी चलाया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस एक अदद सुराग तक नहीं तलाश सकी। कोतवाली के मुख्य कार्यालय में इन सभी अपराधियों के केस रिकॉर्ड की लिस्ट बोर्ड पर चस्पा हैं। पुलिस इन्हें 'मफरूर' घोषित कर चुकी है। इसमें नाम, मुकदमा संख्या, धारा, गिरफ्तारी व फरार होने की तिथि अंकित है। कुछ के मामले ज्यादा पुराने होने की वजह से अपराध रजिस्टर गुम हो चुके हैं। सूची में एक महिला का नाम भी शामिल है।
सुराग बताने पर मिलेगा सौ से दो हजार का इनाम मफरूरों का सुराग देने वालों की पहचान गुप्त रखने के साथ ही उन्हें पुरस्कृत भी दिया जाता है। इन बदमाशों में सबसे अधिक इनाम नैनीताल के अतुल बिष्ट व सबसे कम अंबेडकर नगर हल्द्वानी के कैलाश पर है। अतुल पर दो हजार व कैलाश पर सौ रुपये इनाम है। इन्हें कहते हैं मफरूर किसी भी अपराधी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस न्यायालय में पेश करती है। जमानत मिलने पर उसे लगातार पेशी पर जाना पड़ता है। लगातार समन मिलने के बावजूद पेश न होने पर मफरूर (भगोड़ा) घोषित किया जाता है। उसके बाद उसके वारंट निकलते हैं। संदेह की स्थिति पर जमानत लेने वालों पर भी कार्रवाई होती है।
इनकी है तलाश
रियासत अली खां, नत्थू उर्फ कैलाश गुप्ता, नेत्रपाल, प्रताप सिंह, राजकुमार शर्मा, पप्पू उर्फ गया प्रसाद, हीरालाल साहनी, अतुल बिष्ट, नासिर, प्रकाश सिंह के अलावा देह व्यापार के आरोप में पकड़ी एक महिला शामिल है। नासिर हत्या के आरोप में पकड़ा गया था, जबकि बाकी चोरी, एक्सीडेंट, एनडीपीएस एक्ट आदि के मुकदमों में शामिल थे। वहीं सीआ दिनेश चन्द्र ढौंडियाल का का कहना है कि मफरूर की संख्या हल्द्वानी में कम है। दो-तीन पूर्व में पकड़े जा चुके हैं। पुलिस लगातार इनकी तलाश में लगी रहती है।
अल्मोड़ा में सड़क में काम कर रहा था मफरूर
सालों से फरार चल रहे एक मफरूर को अल्मोड़ा पुलिस ने हाल में पकड़ा था। पुलिस जिसकी सालों से तलाश कर रही थी, वह अल्मोड़ा में बन रही एक सड़क पर मजदूरी कर रहा था। उसे गिरफ्तार कर पुलिस भी चौंक गई। वहीं काठगोदाम पुलिस की मदद से बागेश्वर के अपराधी को कुछ समय पूर्व काठगोदाम स्टेशन से पकड़ा गया था।
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