Move to Jagran APP

Wrestlers Protest: टिकैत के पहुंचते ही बदल गई तस्वीर, कांग्रेस करती रही नारेबाजी, पहलवानों को साथ ले गए नरेश

हरकी पैड़ी के मालवीय घाट पर यह पूरा घटनाक्रम सांयकालीन गंगा आरती के दौरान हुआ। हाथों में तिरंगा लेकर नारेबाजी करते युवा और मीडियाकर्मियों की भीड़ देखकर श्रद्धालु शुरुआत में माजरा समझ नहीं सके। बाद में पहलवानों के आने का पता चला तो आसपास भीड़ जमा हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Wed, 31 May 2023 05:30 AM (IST)Updated: Wed, 31 May 2023 05:30 AM (IST)
Wrestlers Protest: टिकैत के पहुंचते ही बदल गई तस्वीर, कांग्रेस करती रही नारेबाजी, पहलवानों को साथ ले गए नरेश
Wrestlers Protest: टिकैत के पहुंचते ही बदल गई तस्वीर, कांग्रेस करती रही नारेबाजी, पहलवानों को साथ ले गए नरेश

हरिद्वार, जागरण संवाददाता। हरकी पैड़ी पर मंगलवार को जो नाटकीय घटनाक्रम घटा, उसे देखकर प्रतीत हुआ कि पूरी पटकथा पहले से लिखी गई हो। दोपहर करीब 12 बजे पहलवान विनेश फोगाट ने ट्वीट कर पदक गंगा में विसर्जित करने का एलान किया। शाम छह बजे विनेश के साथ साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया अपने-अपने पदक लेकर हरकी पैड़ी पहुंच गए। यहां वह करीब पौने दो घंटे तक मालवीय घाट पर डटे रहे, लेकिन आखिरी 10 मिनट में पूरी तस्वीर बदल गई।

loksabha election banner

पहलवानों के समर्थक व कांग्रेस नेता नारेबाजी करते रह गए और भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत पहलवानों का हाथ पकड़कर उन्हें अपने साथ लेकर चलते बने। इस घटनाक्रम के बीच हरकी पैड़ी में पहलवानों को न तो पुलिस ने रोका और न पहलवानों ने पदक विसर्जित करने का प्रयास ही किया। विनेश फोगाट के ट्वीट के साथ ही पहलवानों के हरिद्वार पहुंचकर अपने पदक गंगा में विसर्जित करने का एलान इंटरनेट मीडिया पर ट्रेंड करने लगा था। पहलवानों के निर्णय पर समर्थन और विरोध में प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं।

भाकियू और कांग्रेस नेता भी सक्रिय हो गए। पहलवानों के हरकी पैड़ी पहुंचने के चंद मिनट में ही हरिद्वार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाकियू नेता वहां पहुंच गए। स्थानीय कांग्रेस नेता पहले से मौजूद थे। आधा घंटे तक भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नारेबाजी हुई। पहलवानों के स्वजन और समर्थकों ने जहां भाजपा सांसद की गिरफ्तारी की मांग की, वहीं कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने में जुटे रहे।

दूसरी तरफ, पहलवान मालवीय घाट पर खामोश बैठे रहे। करीब सात बजे एक फोन बजा और पता चला कि नरेश टिकैत व मलिक खाप के चौधरी श्याम सिंह पहलवानों को मनाने के लिए हरकी पैड़ी पहुंच रहे हैं। सवा सात बजे दोनों पहुंचे तो गहमागहमी बढ़ गई और दोबारा नारेबाजी होने लगी। गंगा दशहरा के चलते श्रद्धालुओं से खचाखच भरे घाट में गंगा आरती के दौरान ही नरेश टिकैत ने पहलवानों से 10 मिनट बात की। इसके बाद वह एक हाथ में पदक और दूसरे हाथ से पहलवानों का हाथ थामकर गंगा घाट से निकल गए।

वहां मौजूद लोग यह नजारा देखते रह गए। पौने आठ बजे तक मालवीय घाट का दृश्य ऐसा हो गया, मानो वहां कुछ हुआ ही न हो। पहलवानों के जाने के बाद लोग इस पर चर्चा करते भी नजर आए। कुछ व्यक्तियों का कहना था कि पूरा घटनाक्रम पहले से तय था। हालांकि, नरेश टिकैत ने बताया कि उन्हें दो-तीन घंटे पहले ही इस पहलवानों के इस निर्णय की जानकारी मिली, जिस पर वह हरिद्वार की तरफ दौड़ पड़े।

हर-हर मोदी, घर-घर मोदी के नारे भी लगे

हरकी पैड़ी के मालवीय घाट पर यह पूरा घटनाक्रम सांयकालीन गंगा आरती के दौरान हुआ। हाथों में तिरंगा लेकर नारेबाजी करते युवा और मीडियाकर्मियों की भीड़ देखकर श्रद्धालु शुरुआत में माजरा समझ नहीं सके। बाद में पहलवानों के आने का पता चला तो आसपास भीड़ जमा हो गई। भाजपा और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नारेबाजी के दौरान घाट से गुजर रहे कुछ श्रद्धालुओं ने जवाब में हर-हर मोदी, घर-घर मोदी के नारे भी लगाए। टकराव की आशंका को देखते हुए पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालुओं को आगे बढ़ा दिया। पुलिस के आला अधिकारी पल-पल की अपडेट लेते रहे। पहलवानों के चले जाने पर सभी ने राहत की सांस ली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.