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बायोफ्यूल के प्रयोग पर ध्यान देने की जरूरत

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संकाय के मैकेनिकल इंजीनियरिग विभाग में बायोफ्यूल विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला गुरुवार को संपन्न हो गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 08:15 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 05:05 AM (IST)
बायोफ्यूल के प्रयोग पर ध्यान देने की जरूरत
बायोफ्यूल के प्रयोग पर ध्यान देने की जरूरत

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संकाय के मैकेनिकल इंजीनियरिग विभाग में बायोफ्यूल विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला गुरुवार को संपन्न हो गई। इस दौरान अखिल भारतीय तकनीकी संस्थान (एआइसीटीई) कानपुर जोन के रीजनल ऑफिसर डॉ. मनोज तिवारी ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न हुई अव्यवस्थाओं के बीच ऑनलाइन एजुकेशन एक नई किरण के रूप में उभर कर सामने आया है।

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गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि आज के समय में मनुष्य नित नई खोज कर रहा है। सामाजिक उन्नति के साथ ही प्रकृति का भी जरूरत से ज्यादा दोहन हो रहा है। इसके लिए समय रहते प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रयोग करते हुए वैकल्पिक संसाधनों बायोफ्यूल के प्रयोग पर ध्यान देने की जरूरत है। संकायाध्यक्ष प्रो. पंकज मदान, परीक्षा नियंत्रक प्रो. एमआर वर्मा ने ने कहा कि भविष्य में ईधन की उपलब्धता को देखते हुए बायोफ्यूल को वैकल्पिक रूप से प्रयोग करने की सबको जरूरत है। कन्या गुरुकुल महाविद्यालय से डॉ. संगीता मदान ने बायोगैस ईधन के उत्पादन के बारे में वैकल्पिक विषयों की खोज पर व्याख्यान दिया। डॉ. वरुण प्रताप सिंह, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिग रुड़की ने सोलर किचन की महत्ता पर प्रकाश डाला। संचालन प्रवीण कुमार पांडेय ने किया।


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