Move to Jagran APP

इकबालपुर मिल क्षेत्र में 40 लाख क्िवटल गन्ना खरीद पर संशय

जागरण संवाददाता रुड़की गन्ना विभाग के लिए इकबालपुर चीनी मिल के 40 लाख क्िवटल गन्ने की व्यवस्थ

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 05:29 PM (IST)
इकबालपुर मिल क्षेत्र में 40 लाख क्िवटल गन्ना खरीद पर संशय
इकबालपुर मिल क्षेत्र में 40 लाख क्िवटल गन्ना खरीद पर संशय

जागरण संवाददाता, रुड़की: गन्ना विभाग के लिए इकबालपुर चीनी मिल के 40 लाख क्िवटल गन्ने की व्यवस्था करना चुनौती साबित हो रहा है। जिले की दोनों ही चीनी मिलों ने पूरा गन्ना लेने से हाथ खड़े कर दिए है। वहीं उप्र की चीनी मिलें भी फिलहाल उत्तराखंड का गन्ना खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। अब सहारनपुर की टोडरपुर मिल पर ही किसानों की उम्मीद बंधी है।

loksabha election banner

लक्सर चीनी मिल में पेराई सत्र चार नवंबर से शुरू हो चुका है। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने भी दस नवंबर से पेराई सत्र शुरू करने का एलान किया है। इकबालपुर चीनी मिल की ओर से पेराई सत्र को लेकर किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है। जिसकी वजह से किसान परेशान है। इकबालपुर चीनी मिल क्षेत्र के 46 गांव के किसान करीब 40 लाख क्िवटल गन्ना इकबालपुर को देते हैं। ऐसे में कोई भी किसान इस बार इकबालपुर चीनी मिल को गन्ना देने को तैयार नहीं है। गन्ना विभाग के लिए इस 40 लाख क्िवटल गन्ने की व्यवस्था करना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। लक्सर एवं लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने साफ कर दिया है कि वह पूरे गन्ने की पेराई करने में असमर्थ है। लिहाजा कम ही गन्ना पेर पाएंगे। वहीं उप्र के सहारनपुर जिले की देवबंद, लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने भी फिलहाल उत्तराखंड के किसानों का गन्ना खरीदने से हाथ खड़े कर दिए है। हालांकि टोडरपुर चीनी मिल को लेकर गन्ना विभाग को उम्मीद है गन्ना खरीदा जाएगा। यदि यह मिल चलती है तो काफी हद तक किसानों की परेशानी हल हो जाएगी।

--------------

जल्द क्रय केंद्र स्थापित करने के निर्देश

रुड़की: लक्सर एवं लिब्बरहेड़ी चीनी मिल को आवंटित किए गए नए क्षेत्रों में क्रय केंद्र स्थापित करने को लेकर गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने सभी चीनी मिलों को निर्देश दिए है कि जल्द क्रय केंद्रों को स्थापित कर लें। जल्द से जल्द गन्ने की खरीद शुरू कर दें। उन्होंने बताया कि विभाग की कोशिश है कि जिले के किसानों को परेशानी ना हो और नियमानुसार सभी किसानों को गन्ने की पर्चियां आवंटित हो जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.