जन सहयोग से सुधारा जा सकता है भूगर्भ जलस्तर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में उन्नत भारत अभियान के तहत एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में उन्नत भारत अभियान के तहत एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान 'सतत ग्रामीण विकास में भागीदारी- झाबुआ, मध्य प्रदेश में एक प्रयोग' विषय पर वक्ताओं ने विचार रखे। इस मौके पर पद्मश्री महेश शर्मा मुख्य वक्ता रहे।
वेबिनार के दौरान पद्मश्री महेश शर्मा का परिचय दिया गया। बताया गया कि किस तरह उन्होंने एक लाख ग्यारह हजार संरचनाओं का निर्माण कर 700 से अधिक गांवों की तस्वीर बदल दी। पद्मश्री महेश शर्मा ने कहा कि वर्ष 1998 में मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले को उन्होंने कर्मस्थली बनाया। शुरुआत के पांच साल तो उनको ग्रामीणों की समस्याओं को समझने एवं उनके विश्वास को जीतने में लग गए। 2007 में उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग से शिव गंगा संगठन बनाकर हलमा अभियान शुरू कर दिया। सभी ग्रामीणों ने यह काम निस्वार्थ और परमार्थ भाव के साथ किया। इसका परिणाम रहा कि 700 से अधिक गांव में करोड़ों लीटर पानी भूमि के अंदर चला गया। सूखे की समस्या से जूझने वाले इस गांव में पहले खेती का नामोनिशान नहीं था। अब वहां गेहूं की फसल लहलहाने लगी है। उन्नत भारत अभियान के क्षेत्रीय समन्वय संस्थान के प्रो. आशीष पांडे ने कहा कि झाबुआ में गांधी उपनाम से विख्यात महेश शर्मा के मॉडल पर शोध करने के लिए कई आइआइटी और विश्वविद्यालय के छात्र शोध कर रहे हैं। जल, जंगल, जमीन, जानवर और जन संवर्धन का उनका मॉडल सबके लिए प्रेरणास्रोत है। संस्थान के उप निदेशक प्रो. मनोरंजन परिदा ने कहा कि वेबिनार के माध्यम से महेश शर्मा के मॉडल से अन्यों को भी प्रेरणा मिलेगी।