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पैंतीस हजार से ज्यादा लोग बिजली-पानी को तरसे

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मायापुर बिजलीघर के सब स्टेशन फीडर के इंसुलेटर में आई खरा

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 09:59 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 09:59 PM (IST)
पैंतीस हजार से ज्यादा लोग बिजली-पानी को तरसे
पैंतीस हजार से ज्यादा लोग बिजली-पानी को तरसे

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मायापुर बिजलीघर के सब स्टेशन फीडर के इंसुलेटर में आई खराबी के कारण क्षेत्र की 35 हजार से अधिक आबादी 10 घंटे से भी अधिक समय तक भारी परेशानी से जूझी। रात को गई बिजली सुबह कुछ देर को ठीक तो हुई पर दोबारा खराबी आ जाने के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इससे क्षेत्र में पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई। सुबह-सबेरे पानी और बिजली न होने से क्षेत्र की देवपुरा, वाल्मीकि बस्ती, विवेक विहार, मॉडल कालोनी, जमना पैलेस, ऋषिकुल, गो¨वदपुरी, आवास विकास और मायापुर आदि क्षेत्रों में हाहाकार की स्थिति बनी रही। करीब एक सप्ताह पहले भी इसी तरह की स्थिति पैदा होने से शहरी क्षेत्र के बड़े इलाके में 20 घंटे से भी अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही थी। उस समय भी पानी की आपूर्ति न होने से बच्चों के हलक सूख गए थे। किसी तरह वैकाल्पिक व्यवस्था कर स्थिति पर काबू पाया गया था। उस दौरान शहरी विकास मंत्री के निजी आवास क्षेत्र खन्नानगर और पूरा विधानसभा क्षेत्र इस समस्या से ग्रसित हुआ था।

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करीब 20 घंटे बाद खराबी को ठीक करने के बाद बिजली विभाग ने दोबारा से इस तरह की खराबी न आने और खराबी आने पर वैकल्पिक व्यवस्था रहने का दावा किया था। पर, लगता है कि उसने इससे कोई सबक नहीं लिया, यही वजह रही कि सोमवार रात इंसुलेटर में आई खराबी को मंगलवार दोपहर चढ़ने तक ठीक किया जा सका। इस दौरान कोई वैकाल्पिक व्यवस्था न होने से पानी की आपूर्ति भी पूरे तौर पर बाधित रही। प्रभावित इलाके की 35 हजार से अधिक की जनता को 10 घंटे बाद विद्युत आपूर्ति बहाल होने पर ही पानी मिल सका।

मात्र 12 वॉटर पं¨पग स्टेशनों पर जनरेटर

विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर जलापूर्ति रूक जाने का बड़ा कारण हरिद्वार की जलापूर्ति के आधार अधिकांश पंपिंग स्टेशन पर जनरेटर का न होना है। जलसंस्थान के अनुसार जलापूर्ति के लिए स्थापित 80 वाटर पं¨पग स्टेशन में से मात्र 10 में ही जनरेटर की व्यवस्था है। शहरी क्षेत्र में पानी की टंकी से जलापूर्ति नाममात्र को होती है। ऐसे में थोड़ी देर के लिए भी बिजली जाने पर पूरे शहर की जलापूर्ति बाधित हो जाती है, क्योंकि जनरेटर के सहारे होने वाले आपूर्ति से पेयजल पाइप लाइन में इतना प्रेशर नहीं बन पाता, जिससे जलापूर्ति संभव हो सके।

बिजली कटौती से हलकान रहे उपभोक्ता

ऊर्जा निगम बकाया वसूली पर तो जोर दे रहा है, लेकिन निर्बाध विद्युत आपूर्ति को गंभीर नहीं है। सोमवार देर रात मायापुर फीडर से पोषित विवेक विहार, मॉडल कॉलोनी समेत आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियों में अंधेरा पसर गया। सुबह आठ बजे बिजली आई, लेकिन महज पंद्रह मिनट बाद ही गायब हो गई। सवा दस बजे के बाद आपूर्ति सुचारू हो सकी। बाधित आपूर्ति के चलते जलापूर्ति पर भी असर पड़ा।

मायापुर फीडर से विवेक विहार, मॉडल कॉलोनी आदि क्षेत्रों को बिजली मिलती है। सोमवार दे रात करीब एक बजे इन क्षेत्रों की बत्ती गुल हो गई। मंगलवार सुबह लोगों की आंख खुली लेकिन बिजली-पानी न होने से उन्हें दिक्कतें हुई। हालांकि आठ बजे बिजली आई लेकिन दस से पंद्रह मिनट में ही गायब हो गई। पानी न मिलने से गृहणियों को जहां घरेलू कामकाज निपटाने में दिक्कतें आई वहीं कामकाजी लोगों को भी समस्याओं से दो चार होना पड़ा। सुबह सवा दस बजे के बाद आपूर्ति बहाल हुई। घंटों बिजली गायब रहने से लोगों के इन्वर्टर भी जवाब दे गये। मोबाइल आदि चार्ज न होने से भी परेशानी रही। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता वीएस पंवार ने बताया कि फीडर में तकनीकी खराबी के चलते दिक्कत आई थी। सुबह मरम्मत कार्य करा आपूर्ति सुचारू कर दी गई थी।


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