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दशमी पर विजय का उल्लास, असत्य और बुराई का अंत

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयादशमी पर्व शहर और आसपास के क्षेत्रों में धूमधाम के साथ मनाया गया। शहर में नेहरू स्टेडियम में आयोजित उत्सव देखने के लिए शहरवासियों की भारी भीड़ उमड़ी। जैसे ही रावण का पुतला धू-धूकर जला सारा स्टेडियम भगवान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 07:54 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 07:54 PM (IST)
दशमी पर विजय का उल्लास, असत्य और बुराई का अंत
दशमी पर विजय का उल्लास, असत्य और बुराई का अंत

जागरण संवाददाता, रुड़की: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयादशमी पर्व शहर और आसपास के क्षेत्रों में धूमधाम के साथ मनाया गया। शहर में नेहरू स्टेडियम में आयोजित उत्सव देखने के लिए शहरवासियों की भारी भीड़ उमड़ी। जैसे ही रावण का पुतला धू-धूकर जला सारा स्टेडियम भगवान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। नेहरू स्टेडियम के अलावा रामनगर और खंजरपुर में भी रावण का पुतला दहन किया गया। इसके अलावा कोरोना का पुतला भी जलाया गया।

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विजयादशमी पर्व पर शुक्रवार को श्री रामलीला समिति बीटीगंज की ओर से रावण का पुतला दहन करने से पहले शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा रामलीला मंचन स्थल बीटीगंज से शुरू हुई। यहां से सब्जी मंडी चौक, बादशाह होटल चौक, अनाज मंडी चौक, पश्चिमी अंबर तालाब स्थित हनुमान मंदिर, दुर्गा चौक मंदिर से होते हुए नेहरू स्टेडियम पहुंची। भगवान श्रीराम और लक्ष्मण गरुड़ पर और रावण घोड़ा-बग्गी पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा के दौरान भी श्रीराम और रावण युद्ध करते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। नेहरू स्टेडियम में भी पुतला दहन से पहले श्रीराम और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ। इसके बाद श्रीराम ने बाण से रावण को धराशायी कर दिया और रावण का पुतला धू-धूकर जल उठा। रावण के साथ ही कोरोना के पुतले का भी दहन किया गया। समिति की ओर से रावण का 80 फुट और कोरोना का 30 फुट का पुतला बनाया गया था। इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई।

वहीं नेहरू स्टेडियम में विजयादशमी उत्सव का आनंद लेने भारी संख्या में दर्शक पहुंचे। इनमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल रहे। रावण का पुतला दहन का दृश्य कैमरे में कैद करने के लिए दर्शकों में होड़ मची रही। नेहरू स्टेडियम के अलावा श्री सनातन धर्म सभा रामनगर की ओर से मूलराज कन्या पाठशाला के मैदान में 40 फुट ऊंचे रावण का पुतला दहन किया गया। खंजरपुर में भी दशहरा उत्सव मनाया गया। वहीं नेहरू स्टेडियम के बाहर दशहरा मेले का भी आयोजन किया गया। मेले में धनुष-बाण, गदा आदि शस्त्रों के अलावा खाने-पीने आदि के स्टाल लगे थे, जहां लोग खरीदारी करते दिखाई दिए।

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उत्सव को लेकर बच्चों में दिखा खासा उत्साह: विजयादशमी उत्सव को लेकर छोटे बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला। शहर में विभिन्न कालोनियों में सबने एक साथ मिलकर असत्य पर सत्य की जीत का पर्व मनाया। साथ ही रावण का पुतला दहन कर आतिशबाजी भी की।

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कोविड-19 गाइडलाइन का हुआ उल्लंघन: उत्सव के दौरान सभी जगह कार्यक्रम स्थलों पर कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ। कार्यक्रम स्थलों पर दर्शकों के बीच शारीरिक दूरी बनाने को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। वहीं कई लोग बिना मास्क के ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।

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पुतला दहन के साथ मेले का किया गया आयोजन

झबरेड़ा: श्री रामलीला जनता कमेटी की ओर से कस्बे में स्थित सब विद्युत स्टेशन के पास विजयादशमी पर मेले का आयोजन किया गया। मेले के पास ही रावण के पुतला दहन से पहले यहां पर श्रीराम और रावण के बीच युद्ध हुआ। युद्ध के दौरान श्रीराम ने अग्निबाण से रावण और कुंभकरण के पुतले को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई। पुतला दहन देखने के लिए काफी संख्या में लोग कार्यक्रम स्थल में मौजूद रहे। वहीं मेले से छोटे-छोटे बच्चों ने धनुष, बाण, तलवार, गुब्बारे आदि खरीदे।


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