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अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ आए तीन भाजपा विधायक, जानिए वजह

मंगलौर में स्लाटर हाउस खोलने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हरिद्वार के तीन भाजपा विधायक खुलकर सामने आ गए हैं। इससे सत्तारूढ़ भाजपा की मुसीबत बढ़ गई है।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 10:12 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 10:12 AM (IST)
अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ आए तीन भाजपा विधायक, जानिए वजह
अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ आए तीन भाजपा विधायक, जानिए वजह

हरिद्वार, जेएनएन। पार्टी विधायकों के तेवरों से पिछले कुछ महीनों के दौरान अकसर असहज हालात का सामना करती आ रही सत्तारूढ़ भाजपा के लिए अब ऐसा ही एक नया मोर्चा खुल गया है। मंगलौर में स्लाटर हाउस खोलने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हरिद्वार के तीन भाजपा विधायक खुलकर सामने आ गए हैं। 

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हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर और लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने मंगलौर में स्लाटर हाउस खोलने के सरकारी फैसले पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने इसके लिए जिलाधिकारी हरिद्वार दीपेंद्र चौधरी को दोषी ठहराया और उनके स्थानांतरण की मांग की। यहां तक कि तीनों विधायकों के इस मामले में प्रधानमंत्री दरबार में दस्तक देने का भी एलान कर दिया है। 

स्वामी यतीश्वरानंद के आवास पर पत्रकार वार्ता में विधायकों ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी ने मंगलौर में स्लाटर हाउस खोलने का अनुमोदन कर धर्मनगरी हरिद्वार का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने यह फैसला किसी दबाव में लिया है तो वह बताएं कि उन्होंने यह फैसला किसके दबाव में लिया। उस व्यक्ति का खुलकर विरोध किया जाएगा, भले ही वह चाहे कितना भी बड़ा नेता या मंत्री हो। उन्होंने चेतावनी दी कि जरूरत पड़ी तो वे तीनों प्रधानमंत्री मोदी के दरबार में भी दस्तक देंगे। 

लक्सर विधायक संजय गुप्ता तो यहां तक कह गए कि वह जरूरत पड़ी तो इसके लिए जान भी दे देंगे, लेकिन स्लाटर हाउस नहीं खोलने देंगे। स्वामी यतीश्वरानंद और सुरेश राठौर ने कहा कि मंगलौर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी अजहर अली, क्षेत्रीय एसडीएम और जिलाधिकारी ने सरकार को गुमराह किया है। उन्होंने इस मामले में शहरी विकास विभाग की भूमिका और मंशा पर भी सवाल उठाए। 

उन्होंने कहा कि मंगलौर पालिका ईओ अजहर अली खुद इस स्लाटर हाउस में साझीदार हैं। निजी लाभ के लिए राज्य की भाजपा सरकार को बदनाम कर रहे हैं। विधायकों ने कहा कि इस मामले में अन्य विधायक भी उनके साथ हैं। वह इस मामले को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलेंगे। 

तीनों विधायकों ने कहा कि उनका विरोध सरकार से नहीं बल्कि स्लाटर हाउस को लेकर गुमराह करने वाली ब्यूरोक्रेसी से है। इसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस की हरीश रावत सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया। विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि उनकी निजी राय है कि देवभूमि उत्तराखंड में न तो मदिरा और न ही मांस का व्यापार, निर्माण और बिक्री होनी चाहिए। 

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गौरतलब है कि कुछ अरसा पहले भाजपा हरिद्वार जिले की खानपुर सीट के अपने विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को पार्टी से निष्कासित कर चुकी है। इसके बाद भी पिछले दिनों भाजपा विधायक सुरेश राठौर, राजकुमार ठुकराल और उमेश शर्मा काऊ अलग-अलग कारणों से पार्टी के लिए असहज हालात पैदा कर चुके हैं। अब इस नए मामले में तीन विधायकों के अपनी ही सरकार के फैसले के विरोध में उतर आने से पार्टी फिर परेशानी में घिरती नजर आ रही है।

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