दरगाह प्रबंधक को हटाने के लिए तीसरा आदेश जारी
पिरान कलियर दरगाह प्रबंधक शाहिद अली को हटाने के लिए शासन ने तीसरा पत्र जारी किया है। जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में दरगाह प्रबंधक को तत्काल हटाकर मूल विभाग में भेजने और वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश शासन ने दिए हैं।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: पिरान कलियर दरगाह प्रबंधक शाहिद अली को हटाने के लिए शासन ने तीसरा पत्र जारी किया है। जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में दरगाह प्रबंधक को तत्काल हटाकर मूल विभाग में भेजने और वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश शासन ने दिए हैं। पहले दो पत्रों पर प्रबंधक को न हटाने पर भी शासन ने नाराजगी जताई है।
पिरान कलियर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी शाहिद अली पर दरगाह प्रबंधक का चार्ज भी चला आ रहा है। शाहिद अली को बीते साल वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने पर प्रबंधक पद से हटाया गया था। लेकिन, जांच पूरी होने से पहले 17 सितंबर 2018 को नाटकीय ढंग से फिर से उनकी ताजपोशी कर दी गई। मामले में शासन ने दो मर्तबा डीएम को चिट्ठी भेजकर शाहिद अली को हटाने के आदेश दिए। लेकिन, जिलाधिकारी कार्यालय से आदेश जारी न होने के चलते शाहिद अली प्रबंधक पद पर जमे रहे। पिरान कलियर विधायक फुरकान अहमद ने पूरे मामले की जानकारी शासन में रखी और शिकायती पत्र देकर प्रबंधक को हटाने की मांग की। इसका संज्ञान लेते हुए अल्पसंख्यक कल्याण अनुभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर ¨सह ने डीएम हरिद्वार को तीसरा पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि शाहिद अली को दरगाह प्रबंधक पद से तत्काल हटाते हुए मूल विभाग भेजा जाए और जांच कराते हुए विभागीय और अनुशासनिक कार्रवाई की जाए। पत्र में शासन ने यह भी लिखा है कि इस संबंध में शासन के एकाधिक निर्देशों के बावजूद पालन न होना उचित नहीं है।
आखिर कौन बन रहा प्रबंधक की ढाल
शाहिद अली चौथी बार दरगाह प्रबंधक के पद पर काबिज चले आ रहे हैं। वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने और जांच चलने के बावजूद उन्हें किसकी शह पर तैनाती दी गई। शासन से दो बार आदेश होने के बावजूद प्रबंधक पद से क्यों नहीं हटाया गया। प्रशासन शाहिद अली पर इतना मेहरबान क्यों है। सवाल यह है कि आखिर कौन लोग शाहिद अली की ढाल बन रहे हैं और दरगाह प्रबंधक पद पर शाहिद अली की बार-बार तैनाती में उनके क्या हित छिपे हैं। ऐसे कई सवाल उठते आ रहे हैं। इसके पीछे एक लॉबी सक्रिय होने की चर्चा है। शासन ने इस पूरे खेल को भांपते हुए ताजा पत्र में डीएम हरिद्वार को यह निर्देश दिए हैं कि दरगाह प्रबंधक पद पर किसी योग्य व निर्विवाद कर्मचारी की तैनाती की जाए।