अज्ञात शवों को 72 घंटे रखने में नहीं होगी दिक्कत
जिला अस्पताल की मोर्चरी में अब अज्ञात शवों को 72 घंटे रखने में दिक्कत नहीं आएगी।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिला अस्पताल की मोर्चरी में अब अज्ञात शवों को 72 घंटे रखने में दिक्कत नहीं आएगी। मोर्चरी से लगे वार्ड और स्टाफ क्वार्टरों में शवों की दुर्गंध भी नहीं आएगी। कुंभ मेला निधि से मोर्चरी के लिए डीप फ्रीजर मुहैया कराया जाएगा। हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर से भी एक डीप फ्रीजर मुहैया करा दिया है, जो अभी चालू नहीं है।
जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल के अलावा रोशनाबाद में भी मोर्चरी है लेकिन रोशनाबाद में बनी मोर्चरी शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में हरिद्वार और आसपास क्षेत्रों से शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल की मोर्चरी में लाए जाते हैं। मोर्चरी में पहले से मौजूद डीप फ्रीजर काफी समय से उपयोग में नहीं है। ऐसे में देर शाम या रात में आने वाले शवों को मोर्चरी में रख दिया जाता है। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाती है उसे तीन दिन रखने की पुलिस की बाध्यता होती है। मोर्चरी में डीप फ्रीजर न होने से शवों के खराब होने की आशंका बनी रहती है। गर्मियों में ज्यादा होती है। अज्ञात शवों की ज्यादा संख्या होने से इससे उठने वाली दुर्गंध मुश्किलें बढ़ाती है। मोर्चरी से सटे वार्डों के अलावा स्टाफ क्वार्टरों में रहने वालों को ज्यादा परेशानी होती है। इन दिक्कतों को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन की ओर से आठ डीप फ्रीजर की मांग डीजी हेल्थ से की गई थी। इसमें से करीब एक सप्ताह पहले एक फ्रीजर मुहैया भी हो गया है, लेकिन यह अभी संचालित नहीं है। बताया जा रहा है कि अभी दो और डीप फ्रीजर मुहैया होंगे। वहीं कुंभ मेला प्रशासन ने भी मोर्चरी के लिए एक डीप फ्रीजर स्वीकृत किया है। करीब 14 लाख लागत के डीप फ्रीजर के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया भी चल रही है। उम्मीद है कि दो से तीन माह के भीतर अस्पताल को यह मुहैया हो जाएगा।
कुंभ मेला निधि से जिला अस्पताल की मोर्चरी के लिए एक डीप फ्रीजर स्वीकृत हुआ है। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे लावारिस शवों को तीन दिन रखने में दिक्कत नहीं आएगी। एक फ्रीजर में दो शव रखे जा सकेंगे।
डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर, मेलाधिकारी, स्वास्थ्य