- नाटक से समाजिक बुराइयों पर प्रहार कर रहे नरेंद्र
संवाद सहयोगी, रुड़की : टीवी, कंप्यूटर और इंटरनेट के इस जमाने में भी नरेंद्र आहूजा रंगमं
संवाद सहयोगी, रुड़की : टीवी, कंप्यूटर और इंटरनेट के इस जमाने में भी नरेंद्र आहूजा रंगमंच के जरिये लोगों में अपनी पहचान बनाये हुए हैं। वह अपने नाटकों और शो के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों पर प्रहार कर रहे हैं। साथ ही वह बच्चों और युवाओं को भी अभिनय सिखाते हैं। उन्होंने इसके लिए एक एक्टिंग स्कूल भी चलाया हुआ है। जिसमें वह अपने साथियों के साथ अभिनय सिखाते हैं।
सिविल लाइंस निवासी नरेंद्र आहूजा वर्ष 1985 से रंगमंच से जुड़े हैं। उन्होंने रामलीला में विभिन्न पात्रों का अभिनय किया। इसके बाद उन्होंने सामाजिक बुराइयों और समाज को अच्छा संदेश देने वाले नाटक किये। इसमें उनके कुछ दोस्त भी साथ रहे। कभी सड़कों पर नुक्कड़ नाटक किया तो कभी स्टेज पर शो किया। नरेंद्र आहूजा बताते हैं कि वह सीआइडी नाटक के साथ ही कई अन्य नाटकों में भी विभिन्न अभिनय कर चुके हैं। वह हाशिया नाम से एक सोलो प्ले भी करते हैं। जिसमें वह अकेले ही पूरा नाटक प्रस्तुत करते हैं। नरेंद्र आहूजा ने दर्पण थियेटर नाम से एक ए¨क्टग स्कूल चला रहे हैं। जिसमें उनके अन्य मित्र में भी सहयोग कर रहे हैं। जिसमें वह बच्चों और युवाओं को अभिनय की बारीकियां सिखाते हैं। लेकिन इसकी एवज में कोई फीस वह नहीं लेते हैं। पिछले दिनों उन्होंने स्वच्छ भारत पर आधारित करीब 20 नुक्कड़ नाटक किये। यह नुक्कड़ नाटक उनके निर्देशन में हुए। नरेंद्र आहूजा ने बताया कि आज भी समाज तक कोई मैसेज पहुंचाने के लिए नाटक सबसे बड़ा माध्यम हैं। यही वजह है कि नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास करते रहते हैं।