दिव्यांग शिक्षिका का उत्पीड़न कर गर्भस्थ शिशु की हत्या
ज्वालापुर की एक दिव्यांग संगीत शिक्षिका का उत्पीड़न कर गर्भस्थ शिशु की हत्या का मामला सामने आया है। आरोपित पति सिडकुल की कंपनी में काम करता है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: ज्वालापुर की एक दिव्यांग संगीत शिक्षिका का उत्पीड़न कर गर्भस्थ शिशु की हत्या का मामला सामने आया है। आरोपित पति सिडकुल की कंपनी में काम करता है। आरोप है कि महिला हेल्पलाइन में दहेज का सामान और शादी का खर्च अदा करने की सहमति बनने के बावजूद पीड़िता व उसके परिवार को धमकी दी जा रही है। शिक्षिका ने डीआइजी गढ़वाल और एसएसपी हरिद्वार को पत्र भेजकर इंसाफ की गुहार लगाई। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, इंदिरा बस्ती स्टेट बैंक के सामने गुरुद्वारा रोड निवासी अरुणा रिलयान पेशे से संगीत शिक्षिका हैं। उनकी शादी सिडकुल की जेबीएम नील मैटल कंपनी में कार्यरत गौतम सिंह से हुई थी। आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद से ही गौतम व उसका परिवार दहेज के लिए अरुणा का उत्पीड़न करने लगे और उनकी दिव्यांगता को लेकर अभद्र व अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया जाने लगा। आरोप है कि दो बार पेट में लात मारकर गर्भ में पल रहे शिशु की हत्या कर दी गई। उत्पीड़न से तंग आकर अरुणा ने 22 फरवरी 2021 को महिला हेल्पलाइन ज्वालापुर में शिकायत की थी। 14 जुलाई को काउंसिलिंग होने पर गौतम सिंह सामान व शादी में हुआ खर्च देने को राजी हो गया था। बाद में उसने कहा कि वह सामान और रुपया वकील के माध्यम से रोशनाबाद कोर्ट में जाकर देगा। आरोप है कि गौतम व उसके साथ आए दोस्त अरुण वर्मा, भतीजे कार्तिक, भाई संजय सिंह ने आटो में बैठने के दौरान अरुणा, उनकी मां व ताई को अपहरण कर बिजनौर में खेतों की मिट्टी में मिलाने की धमकी भी दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अरुणा के पति गौतम सिंह निवासी मास्टर देवेंद्र का मकान, गली नंबर एक अंबेडकरनगर ज्वालापुर व सास मुन्नी देवी, ससुर सरदेय सिंह, भाई संजय सिह, भतीजे कार्तिक, ननंद संगीता, सरिता, नंदोई ओमकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। ज्वालापुर कोतवाल चंद्र चंद्राकर नैथानी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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दोषियों को सजा दिलाना ही उद्देश्य
हरिद्वार: शिक्षिका अरुणा रिलयान का कहना है कि संगीत शिक्षिका होने के चलते लोक लाज की वजह से वह सब कुछ छुपाती रही कि बैसाखी के सहारे कहां धक्के खाऊंगी। लेकिन आरोपितों ने उनका उपहास उड़ाते हुए अपमानित किया। इसलिए अब उनका मकसद आरोपितों को सजा दिलाना है।