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हंसी की हां के बाद सियासत का खेल खत्म

कुमाऊं विवि की होनहार डबल एमए हंसी प्रहरी की सहायता का क्रेडिट लेने को भाजपा-कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच चल रहा शह-मात का खेल वीरवार को उस वक्त खत्म हो गया जब हंसी ने हरिद्वार नगर निगम महापौर अनिता शर्मा के पांडेयवाला में घर लेने के प्रस्ताव पर फिलहाल सहमति व्यक्त कर दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:06 AM (IST)
हंसी की हां के बाद सियासत का खेल खत्म

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कुमाऊं विवि की होनहार, डबल एमए हंसी प्रहरी की सहायता का क्रेडिट लेने को भाजपा-कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच चल रहा शह-मात का खेल वीरवार को उस वक्त खत्म हो गया, जब हंसी ने हरिद्वार नगर निगम महापौर अनिता शर्मा के पांडेयवाला में घर लेने के प्रस्ताव पर फिलहाल सहमति व्यक्त कर दी। हंसी प्रहरी ने गुरुवार को भी राज्य सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के सरकारी नौकरी और आवास देने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, उसने स्पष्ट किया कि उसे सरकारी नौकरी नहीं करनी, वह ट्यूशन पढ़ाकर अपना और अपने बच्चे का पेट पाल लेगी।

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हंसी प्रहरी के मामले के मीडिया में सुर्खियां बटोरते ही राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच उसकी सहायता करने को लेकर तेज सक्रियता दिखाई दी थी। भाजपा सरकार में मंत्री रेखा आर्य अगले ही दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आवश्यक दिशा-निर्देश लेकर उसकी सहायता को हरिद्वार पहुंच गई। उनके साथ ही भाजपा मीडिया प्रभारी मनीष गुप्ता भी हंसी की मदद को पहुंचे। महापौर अनिता शर्मा भी उनकी मदद को पहुंची।

हंसी प्रहरी से बंद कमरे में करीब एक घंटा बातचीत करने के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में सरकार की ओर से सरकारी नौकरी और आवास देने की घोषणा भी कर दी। यह अलग बात है कि हंसी ने प्रस्ताव को स्वीकार करने की बजाय खुद के बचपन से आजाद ख्यालों और बंधन रहने का हवाला देते हुए उनके प्रस्ताव पर विचार करने को एक दिन का समय मांग लिया था।

महापौर अनिता शर्मा ने भी हंसी को पांडेयवाला में शहरी गरीबों (बेसिक सर्विस अरबन पूअर) के लिए बने 96 मकानों में से एक आवास देने का प्रस्ताव दे दिया। हंसी ने उस वक्त उनसे भी सोचने का वक्त मांग लिया था। इसके बाद उत्तराखंड में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनोज द्विवेदी हंसी की मदद को आगे आ गए। तमाम सामाजिक संगठन और समाजसेवी भी हंसी की मदद को सामने आए।

अभी इन तीनों के बीच हंसी की सहायता करने का क्रेडिट लेने को रस्साकशी चल ही रही थी कि गुरुवार को महापौर के इस प्रस्ताव को लेकर हंसी के पास दोबारा पहुंचने पर उसने उनके प्रस्ताव का न सिर्फ स्वागत किया, बल्कि सोमवार को उनके साथ मौके पर जाकर आवास देखने की हामी भर दी।


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