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आइआइटी रुड़की: दीक्षांत समारोह का बदल गया पहनावा

साल 2017 आइआइटी रुड़की में भी कर्इ बदलाव लेकर आया। जो सबसे बड़ा बदलाव था वो था आइआइटी रुड़की के दीक्षांत समारोह की पोशाक का बदलना।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 31 Dec 2017 03:06 PM (IST)Updated: Sun, 31 Dec 2017 08:50 PM (IST)
आइआइटी रुड़की: दीक्षांत समारोह का बदल गया पहनावा
आइआइटी रुड़की: दीक्षांत समारोह का बदल गया पहनावा

रुड़की, [रीना डंडरियाल]: रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) में वर्ष 2017 में जहां कई ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिले, वहीं कई उपलब्धियां भी संस्थान ने अपने नाम दर्ज की। जबकि कुछ अन्य घटनाओं के कारण भी संस्थान साल भर सुर्खियों

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में रहा।  

आइआइटी रुड़की के 17वें वार्षिक दीक्षांत समारोह ने इस साल गत कई वर्षों के इतिहास को बदल दिया। वर्ष 2017 के दीक्षांत समारोह में एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन-तीन बड़े बदलाव देखने को मिले। जहां संस्थान ने वर्षों से चली आ रही परंपरा में परिवर्तन करते हुए दीक्षांत समारोह की पोशाक में बदलाव किया। वहीं समारोह को एक दिन की बजाए दो दिन का किया गया। इतना ही नहीं अभिभावकों को दीक्षांत भवन में बैठने का अवसर दिया गया। जिससे छात्र-छात्राओं के माता-पिता और अन्य परिजनों को भी उन्हें अपनी आंखों के सामने डिग्री लेते हुए देखने का सुनहरा अवसर मिला।

इस वर्ष संस्थान के दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं द्वारा पहनी गई भारतीय पोशाक ने समारोह की शोभा को कई गुना बढ़ा दिया। सफेद कुर्ता, काला ट्राउजर और अंगवस्त्रों में छात्र-छात्राएं दिखे। कैंपस प्लेसमेंट की दृष्टि से भी संस्थान ने नए र्कीतिमान स्थापित किए। एक से लेकर 15 दिसंबर तक चले कैंपस प्लेसमेंट में संस्थान के कंप्यूटर साइंस के दो और इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एक छात्र को अधिकतम 1.39 करोड़ का आफर मिला। वहीं कुल 843 छात्र-छात्राओं को जॉब आफर मिला। जबकि कुल 205 कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के लिए पहुंची। इनमें 13 इंटरनेशनल कंपनियां शामिल रही। 

कैंपस प्लेसमेंट को लेकर भी संस्थान ने प्रशंसा बटोरी। वहीं भविष्य में छात्रों को उद्योग जगत की जरुरत और मांग के अनुसार तैयार करने के लिए कैंपस प्लेसमेंट में प्रतिभाग करने के लिए आई दो सौ से अधिक कंपनियों से फीड बैक लिया गया। यह भी संस्थान की नई पहल रही। ऐसा करके संस्थान की बीटेक कोर्स में कंपनियों की मांग के अनुसार छात्रों के लिए अतिरिक्त कोर्स शामिल करने की योजना है।

उधर, छात्रों की समस्याओं का समाधान करने के लिए वर्ष 2017 में संस्थान ने कई सराहनीय कदम उठाए। जहां छात्र-छात्राओं के लिए योर दोस्त नाम से आनलाइन काउंसलिंग शुरू की गई। जिससे की किसी कारणवश तनाव व अन्य मानसिक समस्याओं से जूझ रहे छात्रों को चौबीस घंटे विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सके। इसके अलावा छात्रों की शैक्षणिक समस्याओं और शिक्षकों और छात्रों के बीच आपसी सामंजस्य को बैठाने के लिए छात्र लोकपाल का भी गठन किया गया। इसके अलावा संस्थान के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर्स की ओर से किए गए शोध कार्य भी साल भर चर्चा में रहे। जबकि अगस्त माह में एमएससी रसायन विज्ञान विभाग के एक छात्र के हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाने की घटना भी सुर्खियों में रही थी।

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