जिले की सहकारी समितियों का होगा ऑडिट
जिले की 43 सहकारी समितियों का पांच साल का ऑडिट होगा।
जागरण संवाददाता, रुड़की: जिले की 43 सहकारी समितियों का पांच साल का ऑडिट होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। खेड़ीशिकोहपुर में 11 लाख का गबन सामने आने के बाद एक समिति सचिव को निलंबित कर दिया है। कई अन्य समितियों में भी गड़बड़ी की आशंका है। ऐसे में अधिकारियों एवं कर्मियों के चेहरे पर हवाईयां उड़ी हुई हैं।
जिले की सहकारी समितियां किसी न किसी रूप में चर्चाओं में रहती हैं। जिले में चाहे बैक डोर से फर्जी नियुक्तियों के मामले हो या फिर कर्मचारियों द्वारा ही सहकारी समितियों के कैश की लूट का मामला हो। हर साल किसी ना किसी समिति में गड़बड़ी मिलती ही रहती है। खेड़ी शिकोहपुर समिति में 11 लाख की वित्तीय अनियमितता मिली है। इस पर समिति सचिव को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा भगवानपुर विकासखंड के मक्खनपुर समिति में भी गड़बड़ी के मामले में जांच शुरू हो गई है। जिला सहायक निबंधक सहकारिता मान सिंह सैनी ने बताया कि जिले की सभी समितियों का पांच साल का ऑडिट शुरू कर दिया है और दो टीमें बनाई हैं। एक टीम में पांच कर्मचारी शामिल हैं। एक-एक समिति का रेकॉर्ड मंगाकर उसकी छानबीन शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई अनियमितता मिलती है तो संबंधित समिति में दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दब गई नियुक्तियों की फाइल
रुड़की: जिले में सहकारी समितियों में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की गई हैं। इन नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है। इसकी पुष्टि भी हो चुकी है, लेकिन राजनैतिक दबाव के चलते फाइलों को दबा दिया है। वहीं कई मामलों में तो शिकायतकर्ता ही अब पीछे हट चुके हैं। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दावा किया था कि बैक डोर से हुई नियुक्तियों के मामले में कार्रवाई की जाएगी।