सौतेली बेटी की हत्या के प्रयास में पिता को 10 साल की कैद
रुड़की में न्यायालय ने आठ साल की बेटी की हत्या के इरादे से उसे कुएं में फेंकने वाले सौतेले बाप को 10 साल कैद की सजा सुनाई है।
रुड़की, जेएनएन। आठ साल की बेटी की हत्या के इरादे से उसे कुएं में फेंकने वाले सौतेले बाप को न्यायालय ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। आरोपित ने इसके अलावा अपने सौतेले बच्चों को गंगनहर की देवबंद ब्रांच में फेंक दिया था। काफी तलाश करने के बाद उनका आज तक पता नहीं चल पाया है।
रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना दिसंबर 2013 की है। भगवानपुर के कोटवाल आलमपुर गांव के जंगल में बने एक सूखे कुएं से 13 दिसंबर 2013 को एक आठ साल की बच्ची बेहोश मिली थी। बच्ची के सिर पर गहरी चोट लगी थी। भगवानपुर पुलिस ने बच्ची को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया था।
रामपुर गांव निवासी मोहम्मद हासिम ने उसका उपचार कराया था। करीब एक सप्ताह बाद जब बच्ची कोमा से बाहर से आई तो उसने पुलिस को बताया था कि उसका नाम काजल है। वह मक्खनपुर गांव में अपनी मम्मी, पापा और दो छोटे भाई-बहन के साथ रहती थी। 11 दिसंबर 2013 को उसके सौतेले पिता अरविंद तीनों भाई-बहन को घुमाने के बहाने घर से लेकर गए थे। उसके पिता ने उसके भाई हिमांशु (चार साल) और बहन स्मृति (पांच साल) को देवबंद ब्रांच की गंगनहर में फेंक दिया था। इसके बाद उसे वहीं समीप ही एक कुएं में फेंक दिया।
इसके बाद कुएं में ईंट आदि फेंक दी। इसके बाद उसे कुछ पता नहीं है। बच्ची के इन बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपित अरविंद को गिरफ्तार कर लिया था। बच्ची की मां ने ही मामले की रिपोर्ट भगवानपुर थाने में दर्ज कराई थी। अभियोजन पक्ष के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक पुंडीर और उनके सहयोगी अधिवक्ता जफरूद्दीन ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज द्वितीय की कोर्ट में चली।
गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपित अरविंद कुमार को हत्या का प्रयास और अपहरण करने का दोषी मानते हुए उसे 10 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपित पर दोनों धाराओं में पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।