सवा करोड़ के चक्कर में चीनी मल ने रोका 50 करोड़ रुपये
जागरण संवाददाता रुड़की चीनी मिल एवं गन्ना विभाग के बीच नूराकुश्ती जारी है। लिब्बरहेड़ी ची
जागरण संवाददाता, रुड़की: चीनी मिल एवं गन्ना विभाग के बीच नूराकुश्ती जारी है। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल को 50 करोड़ का भुगतान दस अक्टूबर तक करना था, लेकिन चीनी मिल को गन्ना विभाग से मिलने वाले सवा करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिले हैं। इसके चक्कर में किसानों के गन्ने का भुगतान भी अटक गया है। किसानों को पूरा भुगतान कब तक मिलेगा, इस बारे में कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहा है।
पिछले दिनों गन्ना किसानों ने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर आंदोलन किया। इस पर चीनी मिलों ने आश्वासन दिया कि गन्ने का भुगतान कर दिया जाएगा। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने किसानों को बताया कि 30 सितंबर तक अवशेष 50 करोड़ का भुगतान कर दिया जाएगा। इसके बाद चार अक्टूबर तक 25 करोड़ रुपये देने का वायदा किया। चार अक्टूबर बीता तो दस अक्टूबर तक पूरा भुगतान करने की बात कही गई लेकिन जब दस अक्टूबर की तारीख भी बीत गई, तो दो दिन बैंक बंद है। अब सोमवार को ही बैंक एवं सरकारी दफ्तर खुलेंगे। ऐसे में किसानों को भुगतान मिलने की उम्मीद नहीं के बराबर है। वहीं लिब्बरहेड़ी चीनी मिल प्रबंधन की माने तो गन्ना विभाग को करीब सवा करोड़ रुपये का भुगतान करना है। दस दिन से यह भुगतान अटका हुआ है। यदि यह धनराशि मिल जाती तो किसानों के गन्ने का भुगतान हो जाता। किसान नेता गुलशन रोड ने कहा कि चीनी मिल एवं गन्ना विभाग के बीच खेल जारी है। जिसका नुकसान किसान को ही हो रहा है। इस संबंध में सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि सवा करोड़ रुपये का आरटीजीएस कर दिया गया था, लेकिन सर्वर डाउन होने के चलते यह भुगतान शो नहीं हो रहा है। इस संबंध में बैंक प्रबंधक को पत्र लिखा गया है। मिल प्रबंधन से कहा गया है कि जल्द किसानों के गन्ने का भुगतान करें।