क्रिकेट का जुनून ऐसा कि नौ साल की उम्र में छोड़ा घर, अब मिला इनाम
लालढांग के गाजीवाली निवासी शाश्वत ने क्रिकेट के जुनून के लिए नौ साल की उम्र में घर छोड़ दिया। जिसका इनाम आज उसे भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में चयन के रूप में मिला।
हरिद्वार, राहुल शर्मा। जुनून जब किसी का शौक बन जाए तो सफलता मिलनी तय है। लालढांग के गाजीवाली निवासी शाश्वत में क्रिकेट के कुछ ऐसा ही जुनून था, जिसे उसने अपना शौक बनाया। अपने इस जुनून के लिए शाश्वत ने नौ साल की उम्र में घर छोड़ दिया। इसका इनाम आज उसे भारतीय टीम में चयन के रूप में मिला है।
शाश्वत का चयन भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में हुआ है। पेशे से शिक्षक शाश्वत की मां नीरू रावत ने बताया कि छोटी उम्र में ही शाश्वत को क्रिकेट का जुनून था। स्कूल से घर पहुंचा नहीं कि वह हाथ में बल्ला लेकर मैदान की ओर दौड़ पड़ता था। अब इसे उसका जुनून कहें कि क्रिकेट के प्रति प्यार। महज नौ साल की उम्र में ही उसने क्रिकेट के लिए अपना घर छोड़ दिया।
उसने आठवीं तक की पढ़ाई देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में की। जहां से उसने क्रिकेट की बारीकियां सीखी। बाद में उत्तराखंड को क्रिकेट की मान्यता न मिलने के कारण शाश्वत ने बड़ौदरा का रुख किया और वहां की टीम से खेलना शुरू किया।
नहीं छोड़ता था कोई मैच
शाश्वत के पिता गोपाल रावत ने बताया कि भारत का हर मैच शाश्वत देखता था। फिर चाहे मैच दिन का हो या फिर रात का। उन्होंने कहा कि एक पिता के लिए इससे बड़ी खुशी का दिन ओर क्या हो सकता है। जब शाश्वत भारत के लिए खेलेगा।
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आलराउंडर हैं गाजीवाली के शाश्वत
दक्षिण अफ्रीका में 17 जनवरी से शुरू होने वाले वर्ल्ड कप में शाश्वत आलराउंडर के तौर पर शामिल हुए हैं। शाश्वत बाएं हाथ के बल्लेबाज ओर मीडियम पेसर हैं। शाश्वत के हुनर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छोटी उम्र में ही शाश्वत अपने से कई साल बड़े उम्र के खिलाड़ियों से उम्दा प्रदर्शन करते थे।
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