अमान्य डिग्री पर नौकरी करने वाला शिक्षक गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, रुड़की: शिक्षा विभाग में अमान्य डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिल
जागरण संवाददाता, रुड़की: शिक्षा विभाग में अमान्य डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ अब गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू हो गई है। भगवानपुर पुलिस ने एक शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। शिक्षक के खिलाफ अप्रैल 2018 में मुकदमा दर्ज हुआ था।
शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फर्जी एवं अमान्य डिग्री पर शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक सीबीसीआइडी श्वेता चौबे के नेतृत्व में एसआइटी(स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया गया। एसआइटी ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। अकेले हरिद्वार जिले में 28 शिक्षक ऐसे मिले हैं जिनकी डिग्री अमान्य और फर्जी है। शिक्षा विभाग की ओर से मुकदमा भी दर्ज किया जा रहा है। भगवानपुर थाने में अप्रैल माह में तीन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। विभाग ने भी इन शिक्षकों को निलंबित कर दिया था। पिछले दिनों एसपी श्वेता चौबे ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को पत्र भेजा था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अभी तक किसी भी मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है। इस पर भगवानपुर पुलिस ने गुरुवार को शिक्षक विमल कुमार की गिरफ्तारी की। एसओ गोविन्द कुमार ने बताया आरोपित विमल कुमार पर अमान्य डिग्री के जरिए नौकरी प्राप्त करने का आरोप है। रुहालकी दयालपुर निवासी विमल कुमार राजकीय प्राथमिक विद्यालय दौड़बसी में तैनात थे। भगवानपुर में है फर्जी डिग्री चलाने वाला गिरोह
एसपी सीबीसीआइडी को भी भेजे गए थे धमकी भरे पत्र
जागरण संवाददाता, रुड़की: भगवानपुर थाना क्षेत्र में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो उप्र के गोरखपुर विश्वविद्यालय के नाम पर डिग्री बना रहा है। भगवानपुर में अब तक की जांच में विमल कुमार समेत तीन शिक्षकों के पास जो डिग्री मिली है वह गोरखपुर की थी। इतना ही नहीं जब एसआइटी ने जांच का दायरा बढ़ाया तो यहां गिरोह ने एसपी को भी धमकी भरे पत्र भेजने शुरू कर दिए थे। जिस पर एसपी एसआइटी ने जिला पुलिस को मामले में जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 86 प्रमाण पत्रों की जांच भी नहीं आई सामने
रुड़की: पिछले दिनों एसआइटी की ओर से 86 प्रमाण पत्रों की जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भेजा था। इन प्रमाण पत्रों की जांच अभी तक भी नहीं हो पाई है। बेहद धीमी गति से जांच की जा रही है। जिसकी वजह से एसआइटी को भी जांच पूरी करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।