कुंभ में रजिस्ट्रेशन का संतों ने शुरू किया विरोध
कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व्यवस्था लागू किए जाने का कई संतों ने विरोध किया है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व्यवस्था लागू किए जाने का कई संतों ने विरोध किया है। संतों ने सरकार से पूछा है कि चुनावी रैलियों पर जब कोई रोक नहीं है तो कुंभ आने वाले श्रद्धालुओं पर किस आधार पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि सरकार कोराना की आड़ में कुंभ मेले के आयोजन को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बीच कई प्रदेशों में हुए चुनावों में भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनावी रैलियां आयोजित की। इसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे। रैली में आने वालों का पंजीकरण नहीं किया गया। बिहार में आम चुनाव, मध्य प्रदेश व दूसरे कई प्रदेशों में उपचुनाव संपन्न हुए। इनमें प्रधानमंत्री व दूसरे नेताओं की रैलियों में लाखों की भीड़ इकठ्ठा हुई। तेलंगाना में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह के रोड शो व रैलियों में आई लाखों की भीड़ का कोई पंजीकरण नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना की आड़ में कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण का कड़ा विरोध किया जाएगा। इस संबंध में भारत साधु समाज एक पत्र प्रधानमंत्री को भेजेगा। बाबा हठयोगी ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण को देखते हुए अनावश्यक रूप से भ्रम की स्थिति न बनने दे। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि कुंभ मेला पूर्व की भांति दिव्य व भव्य रूप से संपन्न होगा। इस दौरान स्वामी हरिहरानन्द, स्वामी दिनेशदास, संत जगजीत सिंह, महंत प्रहलाद दास, महंत राजेंद्रदास, महंत प्रमोद दास आदि उपस्थित रहे।