रुड़की, जागरण संवाददाता: रुड़की के मोहल्ला कानूनगोयान में अवैध रूप से संचालित की जा रही पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट मामले में पुलिस ने पटाखा कारोबारी और उसके भतीजे को गिरफ्तार किया है। घटना के बाद से ही दोनों का भगवानपुर के एक अस्पताल में उपचार चल रहा था। रविवार को उपचार के बाद दोनों को अस्पताल से छुट्टी मिली थी। विस्फोट में दो नाबालिग कर्मचारियों समेत चार लोगों की मौत हुई थी।
रुड़की सिविल लाइंस कोतवाली के मोहल्ला कानूनगोयान में आलोक जिंदल की पटाखा बनाने की फैक्ट्री अवैध रूप से संचालित की जा रही थी। 20 फरवरी को पटाखा बनाने की अवैध फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था। जिसमें दो नाबालिग कर्मचारी अदनान और अरमान निवासी माहीग्रान बंदा रोड की जलने से मौत हो गई थी।
इसके अलावा दुकान पर आतिशबाजी खरीदने आए नौशाद और सद्दाम निवासी बढेडी राजपूताना थाना बहादराबाद की भी मौत हो गई थी। इस घटना में एक ई-रिक्शा चालक के अलावा पटाखा कारोबारी का भतीजा आयुष जिंदल और एक पड़ोसी दुकान का कर्मचारी घायल हुए थे।
इस मामले में पुलिस ने पटाखा कारोबारी आलोक जिंदल और उसके भतीजे आयुष जिंदल पर मुकदमा दर्ज किया था। वहीं, हादसे के बाद तबीयत बिगड़ने से कारोबारी आलोक जिंदल और हादसे में झुलसे उसके भतीजे आयुष जिंदल का भगवानपुर स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था।
इस मामले में पुलिस ने कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं। वहीं, नाबालिग मृतक कर्मचारी अदनान और अरमान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों की मौत दम घुटने और जलने से होना सामने आया था। रविवार को इस मामले में विवेचना कर रहे गंगनहर कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक रणजीत खनेड़ा को सूचना मिली कि भगवानपुर स्थित अस्पताल से पटाखा कारोबारी आलोक जिंदल और उसके भतीजे आयुष जिंदल को छुट्टी मिल गई है।
विवेचक को पता चला कि पटाखा कारोबारी और उसका भतीजा शहर के शहीद चंद्रशेखर आजाद चौक के पास अपनी कार में हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर कारोबारी आलोक जिंदल और भतीजे आयुष जिंदल को गिरफ्तार कर लिया। विवेचक रणजीत खनेड़ा ने बताया कि पुलिस ने दोनों से पूछताछ की। इसके बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।