पुरानी मशीनों को हथियार बना रहे नकली दवाओं के असली सौदागर
रुड़की क्षेत्र के माधोपुर गांव में बड़ी मात्रा में नकली दवा पकड़े जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
मनीष कुमार, हरिद्वार: रुड़की क्षेत्र के माधोपुर गांव में बड़ी मात्रा में नकली दवा पकड़े जाने के मामले ने सिस्टम की कलई खोलकर रख दी है। नकली दवा के असली सौदागर दवा निर्माण में फार्मा कंपनियों की पुरानी मशीनों को हथियार बना रहे हैं। औषधि नियंत्रण विभाग भी इस सच्चाई से वाकिफ है, लेकिन इन पर अब तक शिकंजा न कसा जाना जिम्मेदार महकमों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है।
रुड़की क्षेत्र के भगवानपुर ही नहीं जिले के सिडकुल और बहादराबाद में भी 43 फार्मा कंपनियां हैं। औषधि नियंत्रण विभाग के निरीक्षण में इन कंपनियों में कोई बड़ी गड़बड़ी न मिलना निरीक्षण की गंभीरता पर सवाल उठाता है। दावों के मुताबिक इन फार्मा कंपनियों में अब तक नकली दवा नहीं पकड़ी गई है। औचक निरीक्षण में किसी भी कंपनी में नकली दवा बनाने की बात सामने नहीं आई। जबकि रुड़की क्षेत्र में कई बड़े मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इससे साफ है कि या तो यहां सबकुछ ठीक चल रहा है या फिर निरीक्षण के नाम पर हीलाहवाली हो रही है। रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में नकली दवाओं के सौदागरों ने बड़ी फार्मा कंपनियों की पुरानी मशीनें के इस्तेमाल की बात भी सामने आ रही है। ऐसी फार्मा कंपनियों को अब तक चिह्नित कर इनके विरुद्ध कार्रवाई न होना भी सिस्टम पर सवाल खड़े करता है। दरअसल सिडकुल और बहादाबाद क्षेत्र की दवा कंपनियों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को कुछ लोग पुरानी होने पर खरीद लेते हैं। बाद में इन्हीं मशीनों का इस्तेमाल कर असली कंपनी का मार्का लगाकर नकली दवा तैयार करते हैं। जिले में मशीन की खरीद फरोख्त से लेकर दवा बनाने का पूरा नेटवर्क सक्रिय है। विभागीय मिलीभगत और राजनीतिक संरक्षण तो नहीं
हरिद्वार: नकली दवा का खेल बगैर विभागीय मिलीभगत और राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है। आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने वाली नकली दवा के असली सौदागरों का अब तक पकड़ में न आना सोचनीय है। रुड़की क्षेत्र में इसी साल मार्च में एक फैक्ट्री में लाखों कीमत की नकली दवा बरामद हुई थी। जिस फैक्ट्री से नकली दवा मिली थी वह एक भाजपा नेता के भाई की फैक्ट्री थी। इस मामले में अब तक भाजपा नेता के भाई की गिरफ्तारी न होना भी सिस्टम पर सवाल खड़े करता है।
सिडकुल और बहादराबाद क्षेत्र की 43 फैक्ट्रियों का औचक निरीक्षण बीते दो महीने में किया । किसी भी फैक्ट्री में नकली दवा बनाने की बात सामने नहीं आई। हालांकि, पांच-छह कंपनियों में थोड़ी गड़बड़ी मिली, जिसे दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। सिडकुल क्षेत्र की फार्मा कंपनियों की पुरानी मशीनों के नकली दवा बनाने में इस्तेमाल होने की बात सामने आई है। जल्द पुरानी मशीनों की खरीद फरोख्त करने वाले को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।
अनीता भारती, ड्रग इंस्पेक्टर, हरिद्वार नकली दवा का बनना वाकई गंभीर मामला है। विभागीय स्तर पर जांच की जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. शंभूनाथ झा, सीएमओ, हरिद्वार