श्रीराम ने तोड़ा धनुष, सीता ने डाली वरमाला
जागरण संवाददाता रुड़की आदर्श शिवाजी नगर रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला के तीस
जागरण संवाददाता, रुड़की: आदर्श शिवाजी नगर रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला के तीसरे दिन की लीला की शुरुआत राजा जनक के सीता स्वयंवर की घोषणा के साथ होता है। इसके बाद जोर-शोर से स्वयंवर की तैयारी शुरू हो जाती है। जानकी व राम विवाह के इस दृश्य ने दर्शकों को खुशी से भर दिया।
रामलीला मंचन में राजा जनक के सीता स्वयंवर की घोषणा करने के बाद विभिन्न राजाओं का प्रवेश धनुष भंजन के लिए जनकपुरी में होता है। इसके बाद रावण-बाणासुर का संवाद, राजाओं के धनुष न तोड़ पाने पर राजा जनक का क्षत्रिय कुल को धिक्कारना और लक्ष्मण का घोर आपत्ति करना काफी रोमांचक रहा। गुरु का श्रीराम को धनुष तोड़ने की आज्ञा देना, श्रीराम का धनुष तोड़ना, सीता का प्रभु राम के गले में वरमाला डालना और परशुराम-लक्ष्मण संवाद के दृश्य ने समूचे पांडाल को श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान कर दिया। इससे पहले रामलीला का उद्घाटन सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन दरबान सिंह बुटोला ने किया। इस अवसर पर अध्यक्ष गौर सिंह भंडारी, संयोजक जगमोहन सिंह रावत, बालम सिंह नेगी, शिवचरण बिजोला, धर्म सिंह भंडारी, विनोद, भगत सिंह रावत, पुष्कर सिंह तोमर, ज्ञान सिंह बिष्ट, सौरभ लखेड़ा, साहिल कंडारी, विजय रावत, दिव्यांशु थपलियाल, भारती मैंगवाल, सुप्रिय आदि उपस्थित रहे।