मेटरनिटी सेंटर में छापा, अल्ट्रासाउंड मशीन सील
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिलाधिकारी दीपक रावत ने शहर में मेटरनिटी सेंटर और डायग्न
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिलाधिकारी दीपक रावत ने शहर में मेटरनिटी सेंटर और डायग्नोस्टिक सेंटरों पर पीसीपीएनडीटी एक्ट के मानकों की अनदेखी की शिकायत पर अपनी नजर टेढ़ी कर ली है। मंगलवार की शाम कई जगह ताबड़तोड़ छापेमारी की। छापेमारी के दौरान जिलाधिकारी ने आर्य नगर चौक स्थित डॉ. सीमा मेटरनिटी सेंटर एंड मेडिकल सेंटर पर अल्ट्रासाउंड में रेकार्ड में अनियमितता, नवीनीकरण आदि दस्तावेज के अपूर्ण रहने पर अल्ट्रासाउंड मशीन और कक्ष को सील करा दिया। अंदर ही संचालित हो रहे मेडिकल स्टोर को भी डीएम ने सील करा दिया। वहीं, ज्वालापुर में एक नामी नर्सिंग होम के पीछे एक आयुर्वेदिक क्लीनिक संचालक के पास कोई लाइसेंस आदि न होने और डिग्री पर शक होने पर डीएम ने क्लीनिक और मेडिकल स्टोर पर ताला जड़वा दिया। डीएम ने पीसीपीएनडीटी के जिला कोआर्डिनेटर को कारण बताओ नोटिस दिया।
पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनटीडी) जिसे ¨लग चयन प्रतिषेध अधिनियम भी कहा जाता है। जिले में 88 अल्टासाउंड सेंटर पंजीकृत हैं। इसमें से शहर के कई मैटरनिटी और डायग्नोस्टिक सेंटरों पर अनियमितता की मिल रही शिकायत पर मंगलवार की शाम जिलाधिकारी दीपक रावत, उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ¨सह, सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल, सीएमओ डॉ. प्रेमलाल आदि के साथ छापेमारी को निकल पड़े। वह पहले चंद्राचार्य चौक के समीप हरिद्वार सिटी सेंटर पर सबसे पहले पहुंचे। वहां पर रजिस्टर मेंटेंन न होने, अल्ट्रासाउंड आदि का रेकार्ड न रखने पर कड़ी फटकार लगाई। संचालक को नोटिस देने का निर्देश सीएमओ को दिया। इसके बाद जिलाधिकारी दल बल के साथ आर्य नगर चौक स्थित डॉ. सीमा मेटरनिटी एंड मेडिकल सेंटर पहुंचे। यहां पर अल्ट्रासाउंड मशीन के नवीनीकरण, किए गए अल्ट्रासाउंड का विवरण पूर्ण न रहने, मशीन के संचालक आदि की स्थिति स्पष्ट न होने पर डीएम ने अल्ट्रासाउंड मशीन और कक्ष को सील करा दिया। नर्सिंग होम में अंदर ही चल रहे मेडिकल स्टोर का कागजात आदि दुरुस्त न होने पर उसे भी सील कराया। जिलाधिकारी को सेंटर पर भारी अनियमितता मिली तो वह पीसीपीएनडीटी के जिला कोआर्डिनेटर रवि पर भड़क गए। कहा किस बात के लिए तुम्हारी तैनाती है। यदि कहीं निरीक्षण नहीं कर सकते तो क्या कर रहे हो। फटकार लगाते हुए लिखित स्पष्टीकरण तलब किया, जिसमें उनके किए निरीक्षण, रिपोर्ट आदि का विवरण मांगा। चेताया कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो संविदा पर नियोजित होने की सेवा भी समाप्त कर दी जाएगी।
इसके बाद डीएम प्रशासनिक अमले के साथ ज्वालापुर पहुंचे। यहां पर एक नर्सिंग होम के पीछे संचालित हो रहे एक आयुर्वेदिक क्लीनिक पर डीएम की नजर पड़ी। बाहर बाल रोग विशेषज्ञ का बोर्ड लगा था, जबकि उसके पास कोई डिग्री नहीं थी। क्लीनिक संचालक सुभाष चंद्र को फटकार लगाया। अंदर मेडिकल स्टोर भी था। दोनों को डीएम ने सील करा दिया। कहा किसी को भी जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस दौरान डिप्टी कलक्टर नुपूर वर्मा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
डीएम को मिला ओपीडी रजिस्टर में आलू प्याज का विवरण
छापेमारी के दौरान जिलाधिकारी दीपक रावत ज्वालापुर में प्रेम हास्पीटल एंड रिसर्च सेंटर पर भी पहुंचे। वहां पर कोई खास अनियमितता तो नहीं मिली। मगर ओपीडी रजिस्टर में मरीजों के विवरण की जगह पर आलू, प्याज, मूली आदि का रेकार्ड दर्ज होने पर डीएम दंग रह गए। विवरण सही रखने का निर्देश दिया। इसको लेकर चर्चा भी होती रही।