भाकियू ने घेरी कचहरी, शहर तक जाम
जागरण संवाददाता रुड़की: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) रोड गुट के बैनर तले किसानों ने सा
जागरण संवाददाता रुड़की: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) रोड गुट के बैनर तले किसानों ने सोमवार को रुड़की कचहरी का घेराव किया। बड़ी संख्या में किसानों के आने से राजमार्ग जाम हो गया। राजमार्ग जाम होने के चलते कुछ वाहनों को दूसरे रूट पर डायवर्ट किया तो शहर के अंदर जाम लग गया। जेएम ने किसानों की समस्याओं के निस्तारण को 24 दिसंबर को बैठक बुलाई है। जेएम के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया। उन्होंने एलान किया कि यदि मांग नहीं मानी गई तो सात जनवरी को रुड़की कचहरी में महापंचायत आयोजित की जाएगी।
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष पदम ¨सह रोड के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए बड़ी संख्या में किसान रुड़की कचहरी पह़ुंच गए। किसानों के राजमार्ग पर आने से पूरा राजमार्ग जाम हो गया। जाम का असर शहर के दूसरे हिस्सों में भी देखने को मिला। कैनाल रोड, नेहरू स्टेडियम मार्ग, नया पुल, नगर निगम पुल सब जगह जाम लग गया। नारेबाजी करते हुए किसान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के कार्यालय पर पहुंच गए और धरना देकर बैठक गए। भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष पदम ¨सह रोड ने कहा कि आज किसान परेशान है। गन्ने का भुगतान आज तक नहीं हुआ। इसके अलावा सरकार ने अभी तक गन्ने के दाम घोषित नहीं किए हैं। चकबंदी विभाग लगातार किसानों का शोषण कर रहा है। इसी बीच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता के दौरान जेएम ने बताया कि 24 दिसंबर को किसान प्रतिनिधि मंडल, गन्ना विभाग, चकबंदी, पुलिस एवं अन्य विभागों के साथ किसानों की बैठक होगी। जिसमें किसानों की समस्याओं को हल कर दिया जाएगा। इस पर किसानों ने चेताया कि यदि उनकी मांग को नहीं माना जाता है तो किसान 25 दिसंबर से रुड़की कचहरी में धरना शुरू कर देंगे। साथ ही, सात जनवरी को महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर जिलाध्यक्ष नाजिम अली, प्रवेज प्रधान, मुफ्ती रसीद, मोहम्मद आलम, अशोक, मंगतराम, धूम ¨सह, इलम ¨सह सैनी, मनोज गिरी, रामेश्वर सैनी, संजीव कुशवाहा ने विचार रखे।
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किसानों की प्रमुख मांगे
-किसानों के बकाया 332 करोड़ का जल्द हो भुगतान
-गन्ने का दाम तय हो, क्रय केंद्रों पर घटतोली रोकी जाए
- बिजली बिल फिक्स किए जाएं, किसान को मुफ्त में मिले बिजली
- किसानों के सरकारी बकाया को किया जाए माफ
- चकबंदी विभाग में समाप्त हो भ्रष्टाचार, अफसरों पर हो कार्रवाई
- सेना की ओर से बंद किए टोडा खटका के रास्ते को जल्द चालू किया जाए
- ढंडेरा में जलभराव की समस्या को तत्काल किया जाए दूर
-खनन के नाम पर किसानों का उत्पीड़न किया जाए दूर
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किसान एवं अधिवक्ता के बीच नोकझोंक
रुड़की: जिस समय किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर कचहरी में जा रहे थे तो कचहरी के गेट पर ही एक अधिवक्ता ने कार निकालने का प्रयास किया। इससे अधिवक्ता ने किसान पर टिप्पणी कर दी। इसके बाद किसानों ने अधिवक्ता को घेर लिया और जमकर खरी-खोटी सुनाई। बाद में कुछ किसानों ने जैसे-तैसे मामले को शांत किया।
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किसानों ने उठाई चकबंदी अफसरों की संपत्ति की जांच
रुड़की: भाकियू के धरना स्थल पर कई किसानों ने कहा कि चकबंदी विभाग ही गांव में रंजिश पैदा करा रहा है। चकबंदी विभाग के अफसर मोटरसाइकिल से गांव में आते थे, अब पटवारी तक लग्जरी कार से गांव जा रहे है। आलीशान कोठियां बना ली है। इसलिए इन अफसरों की आय एवं सपत्ति की जांच की जाए।
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जाम में फंस गई स्कूली बसें, अभिभावक परेशान
रुड़की: जिस समय भाकियू की ओर से रुड़की कचहरी का घेराव किया गया। उस समय शहर के अधिकांश पब्लिक स्कूलों की छुट्टी हो गई थी। स्कूली बसें शहर के अंदर आ गई। इसकी वजह से बसें जहां-तहां जाम में फंस गई। अभिभावक परेशान रहे। कुछ अभिभावक तो पैदल एवं दोपहिया वाहनों से ही बच्चों को एक से डेढ़ किमी पैदल चलकर घर तक ले गए। शाम चार बजे के बाद ही शहर का यातायात सामान्य हो पाया।