शास्त्री व आचार्य की उपाधि न स्वीकारने का विरोध
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लोक सेवा आयोग की ओर से निकाली गई
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लोक सेवा आयोग की ओर से निकाली गई प्रवक्ता संवर्ग की भर्ती में प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के छात्रों की शास्त्री आचार्य की उपाधि को स्वीकार न करने पर नाराजगी जताई। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को जिम्मेवार बताते हुए पुतला दहन कर विरोध जताया।
परिषद के देवपुरा स्थित नरेंद्र भवन के तिराहे पर परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन पंत के नेतृत्व में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का पुतला दहन किया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष ने पुतला दहन के बाद कहा कि प्रवक्ता संवर्ग की भर्ती प्रक्रिया में शास्त्री, आचार्य की उपाधि को शामिल न करना देव भाषा के साथ कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि आनलाइन आवेदन में इसके चलते सैकड़ों छात्र वंचित हो रहे हैं। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारी पूरी तरह जिम्मेदार हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में इन डिग्रियों को समकक्ष माना जा रहा है। संस्कृत इकाई के प्रदेश प्रमुख प्रकाश तिवारी ने कहा कि संस्कृत की बात करने वाली पार्टी संस्कृत के प्रति भेदभाव कर रही है। जिला संयोजक मोहित चौहान ने कहा कि संस्कृत के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। नगर मंत्री आदित्य गौड़ ने कहा शिक्षा निदेशालय की लापरवाही से समस्या खड़ी हुई है। विरोध जताने वालों में योगेश विद्यार्थी, गुरूकुल कांगड़ी विवि छात्र कल्याण परिषद के अध्यक्ष राहुल शर्मा, उत्तराखंड संस्कृत विवि के अध्यक्ष लोकेश कुकरेती, तरुण चौहान, राकेश सेमवाल, विनय आदि शामिल रहे। अंत में निदेशक संस्कृत, माध्यमिक शिक्षा को संबोधित ज्ञापन भी भेजा गया।