सरकारी क्रय केंद्रों पर इस साल गेहूं की बंपर खरीद
जले के सरकारी क्रय केंद्रों पर इस साल गेहूं की बंपर खरीद हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में 14 हजार क्विंटल अधिक गेहूं क्रय किया गया। इससे अधिकारी तो गदगद नजर आ रहे हैं।
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: जिले के सरकारी क्रय केंद्रों पर इस साल गेहूं की बंपर खरीद हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में 14 हजार क्विंटल अधिक गेहूं क्रय किया गया। इससे अधिकारी तो गदगद नजर आ रहे हैं।
इस बार जनपद में सहकारिता विभाग और विपणन विभाग की ओर से गेहूं की खरीदारी के लिए जनपद में 31 खरीद केंद्र बनाए गए थे। केंद्रों पर सरकार की ओर से निर्धारित 1925 रुपये प्रति कुंतल गेहूं के दाम और 20 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया गया। जिससे केंद्रों पर किसानों की ओर से अच्छा खासा रूझान दिखाया गया। विपणन विभाग ने इस बार 35 हजार 760 क्विंटल गेहूं की खरीददारी की, जबकि पिछले साल 26 हजार 770 क्विंटल गेहूं खरीदा गया था। इसी तरह पिछले साल सहकारिता विभाग की ओर से 20 हजार 150 क्विंटल गेहूं खरीदा था, लेकिन इस बार 25 हजार तीन सौ क्विंटल गेहूं की खरीदारी गई है। जिससे कुल मिलाकर जिले में लगभग 61 हजार क्विंटल की खरीदारी गई है, वहीं, पिछले साल लगभग 46 हजार 920 क्विंटल गेहूं खरीदा गया था। जिससे इस साल हरिद्वार जिले में करीब 14 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदारी अधिक की गई है। हालांकि अभी किसानों से खरीदे गए गेहूं का बीस लाख रुपये का भुगतान भी नहीं किया गया है, जबकि तीस जून को खरीदारी भी बंद की जा चुकी है। इससे अधिक खरीदारी होने से अधिकारी तो अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। एडीएम वित्त व राजस्व केके मिश्रा का कहना है कि अधिक खरीददारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत के बल पर ही की जा चुकी है। इससे सरकारी गोदामों में पिछले साल से अधिक गेहूं पहुंचा है। किसानों को नहीं हुआ 20 लाख का भुगतान
एक तरफ विभाग के अधिकारी गेहूं की बंपर खरीद के चलते गदगद नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ फसल का भुगतान ना होने से जिले के किसान मायूस हैं। उनका करीब बीस लाख रुपये का भुगतान अटका पड़ा है। एडीएम वित्त व राजस्व केके मिश्रा ने बताया कि किसानों को तत्काल भुगतान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया।