फरार दवा माफिया पर हाथ डालने से क्यों बच रही पुलिस
नकली दवा फैक्ट्री के मामले के तीसरे आरोपित पर हाथ डालने से पुलिस कतरा रही है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: नकली दवा फैक्ट्री के मामले के तीसरे आरोपित पर हाथ डालने से पुलिस कतरा रही है। वहीं पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपितों को भी रिमांड पर नहीं ले सकी है। जांच में हो रही हीलाहवाली का दवा माफिया फायदा उठा सकते हैं।
औषधि नियंत्रण विभाग और गंगनहर कोतवाली पुलिस की टीम ने 23 अगस्त को सालियर गांव के पास नकली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। मौके से करोड़ों रुपये की नकली दवा बरामद हुई थी। कई राज्यों में स्थित बड़ी दवा कंपनियों के नाम से यहां पर नकली दवा तैयार की जा रही थी। मौके से बड़ी कंपनियों के रेपर, नकली दवा तैयार करने वाली मशीन बरामद हुई थी। पुलिस ने फैक्ट्री को सील कर दिया था। इस दौरान मौके से दो दवा माफिया को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच गंगनहर कोतवाली पुलिस कर रही है। इस मामले में भगवानपुर क्षेत्र के डाडा पट्टी गांव निवासी महेश सैनी का नाम भी सामने आया था। पुलिस ने मुकदमे में महेश सैनी का नाम भी शामिल किया था। लेकिन, अभी तक पुलिस उसकी गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। जबकि, आरोपित खुलेआम भगवानपुर क्षेत्र में घूमते देखा जा रहा है। चर्चाएं है कि पुलिस दवा माफिया महेश पर हाथ डालने से बच रही है। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा सकी कि आखिर यह नकली दवा कहां सप्लाई हो रही थी। पुलिस ने जेल में बंद आरोपितों का रिमांड भी नहीं लिया, जिससे की इस मामले की सभी कड़ियां जोड़ी जा सके। यह मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। पुलिस की इस लापरवाही का आरोपित फायदा उठा सकते है। मामले की विवेचना कर रहे वरिष्ठ उप निरीक्षक देवराज शर्मा ने बताया कि मामले की छानबीन चल रही है। शीघ्र ही फरार आरोपित की गिरफ्तारी की जाएगी।