शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ भाषा संवर्धन पर जोर
जागरण संवाददाता हरिद्वार जिले के सरकारी स्कूलों को अब पब्लिक स्कूलों के तर्ज पर शिक्षा क
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिले के सरकारी स्कूलों को अब पब्लिक स्कूलों के तर्ज पर शिक्षा की गुणवत्ता के साथ भाषा के संवर्धन पर जोर दिया जाने लगा है। शिक्षाधिकारी अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को फर्राटे से अंग्रेजी बोलने और लिखने में दक्ष बनाने के साथ संस्कृत भाषा का ज्ञान भी बढ़ाने में जुटेंगे। प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी ने खुद इस पहल की जिम्मेदारी ली है।
जिले के विद्यालयों में गिरते शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने में शिक्षाधिकारी अब खुद कमर कसकर मैदान में उतर रहे हैं। सरकारी स्कूलों के भवनों की दशा सुधारने के साथ ही कक्षाओं में उपस्थिति सुनिश्चित कराने और भाषाई ज्ञान को मजबूत करने पर अब पूरा फोकस है। खुद प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने सरकारी स्कूलों बच्चों को अब संस्कृत और अंग्रेजी बोलने व लिखने में दक्ष बनाने की नई पहल कर रहे हैं। वह खुद स्कूलों में पहुंचकर तो क्लास ले ही रहे हैं। उन्होंने खंड शिक्षाधिकारियों और प्रधानाचार्यो को हर दिन कम से कम एक कक्षा में अध्यापन करने का निर्देश दिया ही है उसका फीडबैक मांगा है। इससे उनके अनुभव से बेहतर लर्निंग की सीख छात्र छात्राओं को मिल सकेगी। प्रत्येक शनिवार को स्कूलों में इंग्लिश स्पीकिंग क्लास संचालित करने के साथ ही हर मंगलवार को संस्कृत और हर शुक्रवार को अंग्रेजी में प्रार्थना कराने का निर्देश भी दिया है। अभिलाषी जिले में शामिल हरिद्वार को नीति आयोग के पैरामीटर पर शिक्षा को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इससे प्रधानमंत्री की मंशा सफल हो सके। विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए वह खुद हर दिन कहीं न कहीं पहुंचकर एक कक्षा पढ़ा रहे हैं। खंड शिक्षाधिकारियों और प्रधानाचार्यो को भी इसका पालन करने को कहा है।
डॉ. आनंद भारद्वाज, प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी