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साइबर ठगों ने पेटीएम को बनाया धोखाधड़ी का हथियार

साइबर ठगों ने एटीएम कार्ड के बाद अब पेटीएम को भी धोखाधड़ी का हथियार बना लिया है। अबतक एटीएम कार्ड का पासवर्ड पूछकर ठगी की जा रही थी। लेकिन, अब पेटीएम की ओटीपी पूछकर खातों से नकदी उड़ाई जा रही है। पहले से ही एटीएम कार्ड की धोखाधड़ी के मामलों से जूझ रही पुलिस के लिए अब पेटीएम की धोखाधड़ी सिरदर्द बनती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 03:01 AM (IST)
साइबर ठगों ने पेटीएम को बनाया धोखाधड़ी का हथियार
साइबर ठगों ने पेटीएम को बनाया धोखाधड़ी का हथियार

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: साइबर ठगों ने एटीएम कार्ड के बाद अब पेटीएम को भी धोखाधड़ी का हथियार बना लिया है। अबतक एटीएम कार्ड का पासवर्ड पूछकर ठगी की जा रही थी। लेकिन, अब पेटीएम की ओटीपी पूछकर खातों से नकदी उड़ाई जा रही है। पहले से ही एटीएम कार्ड की धोखाधड़ी के मामलों से जूझ रही पुलिस के लिए अब पेटीएम की धोखाधड़ी सिरदर्द बनती जा रही है।

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वर्तमान में 95 फीसद लोग एटीएम कार्ड के माध्यम से रुपयों का लेनदेन करते हैं। इसी का फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं। ठग एटीएम सत्यापन का झांसा देकर पासवर्ड पूछ लेते हैं और ऑनलाइन शॉ¨पग कर खाते में जमा नकदी पर हाथ साफ कर देते हैं। पिछले कुछ वर्षों से ऐसे मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं। हालांकि लोगों के जागरूक होने से अब ठगों ने नई तरकीब निकाली है और पेटीएम को नया हथियार बनाया है। पेटीएम से ठगी की पांच घटनाएं हाल में सामने आ चुकी हैं। ठग शहर के अलावा आसपास के कस्बों व देहात में भी लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं। चार दिन पहले एक ठग ने बहादराबाद के कपड़ा कारोबारी को फोन कर कहा कि मेरी पत्नी आपकी दुकान पर कपड़े खरीदने आएगी, उसे पेटीएम से भुगतान करना है। दुकानदार ने लालच में आकर मित्र का पेटीएम ¨लक उसे भेजा और ओटीपी भी बता दी। ओटीपी बताने पर खाते से 20 हजार की रकम साफ हो गई। ज्वालापुर, कनखल, सिडकुल और रुड़की देहात क्षेत्र में भी धोखाधड़ी के पांच से छह मामले इसी महीने सामने आ चुके हैं। पुलिस का साइबर सेल एटीएम की धोखाधड़ी से जुड़े अधिकतर मामलों की गुत्थी नहीं सुलझा पाया है।

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ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों की गुत्थी सुलझाने के लिए साइबर सेल को निर्देशित किया गया है। सेल को विशेष प्रशिक्षण भी जल्द दिलाया जाएगा ताकि ठगी के नए तौर-तरीकों से निपटा जा सके। इसमें बैंकों को भी जागरूकता लानी होगी। साथ ही लोगों को खुद भी जागरूक रहना होगा।

जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी, एसएसपी हरिद्वार


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