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मेडिकल कालेजों में आरक्षण समाप्त करने का विरोध

बामसेफ के आफसूट संगठन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकत्र्ताओं ने मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल के आह्वान पर नीट परीक्षा में मेडिकल कॉलेजों की सीटों में ओबीसी का आरक्षण समाप्त किए जाने के विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 10:14 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:14 PM (IST)
मेडिकल कालेजों में आरक्षण समाप्त करने का विरोध
मेडिकल कालेजों में आरक्षण समाप्त करने का विरोध

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बामसेफ के आफसूट संगठन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकत्र्ताओं ने मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल के आह्वान पर नीट परीक्षा में मेडिकल कॉलेजों की सीटों में ओबीसी का आरक्षण समाप्त किए जाने के विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा गया।

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इस दौरान कार्यकत्र्ताओं को संबोधित करते हुए बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने मेडिकल में प्रवेश के लिए 12 सितंबर 2021 को आयोजित होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए नीट परीक्षा में ओबीसी को सेंट्रल कोटे की 15 फीसदी राज्य मेडिकल कॉलेजों की सीटों में ओबीसी का आरक्षण समाप्त कर 52 प्रतिशत जनसंख्या वाले ओबीसी समाज के साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी की है। भंवर सिंह ने कहा कि स्टेट बोर्ड के अंतर्गत स्थानीय भाषा में पढ़ने वाले छात्रों को डॉक्टर बनने से रोकने के लिए कांग्रेस 2010 में नीट को लाई थी। सभी राज्यों में अलग-अलग क्षेत्रीय भाषा में अलग-अलग राज्यों का सिलेबस पढ़ाया जाता है, जहां पर ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग के गरीब घरों के छात्र-छात्रा पढ़ते हैं। जबकि नीट का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित है। स्टेट बोर्ड के पाठ्यक्रम एवं नीट का पाठ्यक्रम बिल्कुल अलग होता है। स्थानीय भाषा में पढ़ने वाले मूल निवासी छात्रों का भविष्य नीट के जरिये इस तरह बर्बाद किया जा रहा है। नीट का सिस्टम ही अंग्रेजी भाषा से पढ़ने वाले छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकत्र्ता बलवंत सिंह सैनी ने कहा कि भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग के साथ भारी धोखाधड़ी कर ओबीसी समाज के बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है, जिससे पिछड़े वर्ग में भारी आक्रोश है। बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मूल निवासी ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने नीट की समीक्षा के लिए 9 सदस्य कमेटी बनाई है। इसलिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से मांग करता है कि जब तक नीट लागू है। तब तक नीट में ओबीसी को केंद्र और राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में 27 फीसदी आरक्षण दिया जाए। ओबीसी की जाति आधारित जनगणना कराकर संख्यानुपात में प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षण लागू किया जाए। एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकार के समर्थन में नीट को रद किया जाए। ज्ञापन देने वालों में बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह, बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मूलनिवासी, राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पास्टर सुरेंद्र, बलवंत सिंह सैनी, राजाराम प्रजापति, नीरज कश्यप, विशाल धीमान, जसवंत प्रजापति, अरुण कश्यप, रफल पाल, रविद्र कुमार, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के जिला अध्यक्ष अंकित, कोषाध्यक्ष सोनू, भारतीय युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष संदीप, अभिषेक, कन्हैया लाल, संजीव ओसवाल, सरोज पाल सिंह, बीरबल, रवि, अखिलेश आदि शामिल रहे।


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