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यहां खत्म हुआ सिलेंडर बदलने का झंझट, पाइप लाइन की गैस से जलने लगे एक हजार चूल्हे

हरिद्वार जिले के हजार परिवारों को हर महीने सिलेंडर बदलने के झंझट से छुटकारा मिल गया है। इन घरों में पाइप लाइन की गैस से चूल्हे जलने लगे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 06:09 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 06:25 PM (IST)
यहां खत्म हुआ सिलेंडर बदलने का झंझट, पाइप लाइन की गैस से जलने लगे एक हजार चूल्हे
यहां खत्म हुआ सिलेंडर बदलने का झंझट, पाइप लाइन की गैस से जलने लगे एक हजार चूल्हे

हरिद्वार, जेएनएन। शहर के एक हजार परिवारों को हर महीने सिलेंडर बदलने के झंझट से छुटकारा मिल गया है। इन घरों में पाइप लाइन की गैस से चूल्हे जलने लगे हैं। खास बात यह है कि यह गैस सब्सिडी वाली सिलेंडर से भी सस्ती है। गेल इंडिया जून तक हर घर तक गैस पाइप लाइन का कनेक्शन बिछाने की बात कह रहा है। 

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जनवरी माह से ही गेल इंडिया ने शहर में गैस पाइप लाइन के कनेक्शन देने शुरू कर दिए थे। सोमवार को कनेक्शन धारकों का आंकड़ा एक हजार पहुंच गया। शहर के जूर्स कंट्री, शिवालिक नगर, ज्वालापुर, अंबेडकरनगर आदि क्षेत्रों में पाइप लाइन से गैस पहुंच रही है। नेचुरल गैस प्रोजेक्ट हरिद्वार के चीफ मैनेजर प्रंजय जोशी बताते हैं कि पाइप लाइन से मिलने वाली गैस पर एजेंसियों का कमीशन, ट्रांसपोर्ट आदि खर्च बच जाते हैं, जिससे यह गैस सब्सिडी युक्त सिलेंडर से सस्ती पड़ती है। 

बताया कि गैस पाइप लाइन से मिलने वाली गैस की कीमत फिलहाल 35 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास चल रही है। वहीं, सब्सिडीयुक्त गैस सिलेंडर लगभग 38 से 40 रुपये किलोग्राम और बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की गैस 50 रुपये किलोग्राम के हिसाब से पड़ती है। कहा कि जून तक हर परिवार के घर के सामने गैस कनेक्शन का प्वाइंट छोड़ दिया जाएगा। बाद में शहर के विस्तार होने के बाद तक लोगों को योजना का लाभ दिया जाएगा। 

5800 रुपये में मिल रहा कनेक्शन 

गैस कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं से 5800 रुपये शुल्क वसूला जा रहा है। इसमें 300 रुपये कनेक्शन शुल्क और 5500 रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में लिए जा रहे हैं। सिक्योरिटी मनी कनेक्शन समाप्त होने के बाद वापस कर दी जाती है। 

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जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल ने बताया कि पाइप लाइन से सीधे गैस पहुंचने से उपभोक्ताओं का पैसा और समय दोनों बचेगा। बात रही गैस पाइप लाइन और सिलेंडर की सुविधा एक साथ लेने की तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। पाइप लाइन से पहुंचने वाली गैस सीधे चूल्हे तक पहुंचती है। इसकी कालाबाजारी की भी कोई संभावना नहीं है। 

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