हरिद्वार में राजस्व हिरासत में एक बकायेदार की हुई मौत Haridwar News
हरिद्वार में राजस्व विभाग की हिरासत में एक बकायेदार की मौत हो गई। इससे गुस्साए स्वजनों ने तहसीलदार और उनकी टीम पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
हरिद्वार, जेएनएन। राजस्व विभाग की हिरासत में एक बकायेदार की मौत हो गई। इससे गुस्साए स्वजनों ने तहसीलदार और उनकी टीम पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। आरोप लगाया कि राजस्व टीम की प्रताड़ना की वजह से यह घटना हुई। इस बीच, एम्स ऋषिकेश के डाक्टरों के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने न्यायिक जांच के लिए जिला जज को पत्र लिखा है।
घटनाक्रम हरिद्वार तहसील का है। पांवधोई मोहल्ला निवासी मुर्तजा पर बीमा कंपनी का 2.74 लाख रुपये बकाया चला आ रहा था। अदालत ने तहसील को रिकवरी जारी पर 12 मार्च तक बकाया राशि की वसूली के आदेश दिए थे। बताया गया है कि रविवार दोपहर मुर्तजा परिवार के लोगों के साथ कुछ दिन की मोहलत मांगने तहसील कार्यालय पहुंचा। तभी राजस्व टीम ने उसे हिरासत में लेकर हवालात में बंद कर दिया। रात तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह रास्ते में ही दम तोड़ चुका था। अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे राजस्व टीम के हाथ-पांव फूल गए।
सुबह मुर्तजा के स्वजनों को उसकी तबीयत बिगड़ने की सूचना दी गई। अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मौत का पता चला। तहसीलदार व अन्य स्टाफ पर हत्या का आरोप लगाते हुए परिवार के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ देर बाद भीम आर्मी से जुड़े कुछ लोग प्रदर्शन में शामिल हो गए।
एसडीएम सदर कुश्म चौहान, सीओ अभय ङ्क्षसह, सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल ने हंगामा कर रहे लोगों को किसी तरह शांत कराया। अधिकारियों के मामले की जांच के आश्वासन पर परिवार के लोग शव का पोस्टमार्टम कराने पर राजी हुए। इसके बाद ऋषिकेश एम्स से फॉरेंसिक एक्सपर्ट और तीन डाक्टरों के पैनल को बुलाकर पोस्टमार्टम कराया गया।
परिवार के कहने पर लिया हिरासत में: तहसीलदार
तहसीलदार आशीष घिल्ड़ियाल का कहना था कि परिवार के कहने पर ही मुर्तजा को हिरासत में लिया गया था। उन्होंने ही उसे लॉकअप में रखने का अनुरोध किया था। दूसरी तरफ, मुर्तजा के परिवार ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया था। परिजनों ने कोर्ट के आदेश के बगैर हिरासत में रखने का आरोप लगाया। मुर्तजा के रिश्तेदार शौकीन व रिजवान अहमद का कहना है कि कोर्ट ने तहसीलदार को रिकवरी के आदेश दिए थे, न कि हिरासत में लेने के। रिकवरी नहीं होने पर तहसीलदार अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दे सकते थे।
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कुश्म चौहान (एसडीएम सदर हरिद्वार) का कहना है कि परिवार को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया है। एम्स ऋषिकेश के फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराते हुए डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया है। पूरे मामले की रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को भेज दी गई है। जिलाधिकारी के माध्यम से जिला जज को ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट से इन्क्वॉयरी कराने का पत्र भेजा गया है। परिवार के आर्थिक सहायता के अनुरोध पर उनसे प्रार्थना पत्र देने को कहा गया है।
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