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अब हरजौली में भी बुखार का प्रकोप, लगाया शिविर

डेंगू का प्रकोप कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 06:35 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 06:35 PM (IST)
अब हरजौली में भी बुखार का प्रकोप, लगाया शिविर
अब हरजौली में भी बुखार का प्रकोप, लगाया शिविर

संवाद सहयोगी, रुड़की: डेंगू का प्रकोप कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है। गाधारौणा, मुंडलाना, भलस्वागाज के बाद अब हरजौली में भी बुखार का कहर है। बड़ी संख्या में यहां ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में शिविर लगाकर मरीजों के खून के सैंपल लिए हैं। इनकी एलाइजा जांच कराई जा रही है। चार मरीजों में टायफाइड की भी पुष्टि हुई है। मरीजों को दवाएं भी वितरित की जा रही हैं।

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स्वास्थ्य विभाग को मंगलौर क्षेत्र के हरजौली गांव में बड़ी संख्या में बुखार पीड़ितों के होने की जानकारी मिली थी। जिसके चलते विभाग ने गांव में शुक्रवार को स्वास्थ्य शिविर लगाया है। जिला मलेरिया अधिकारी गुरनाम सिंह ने बताया कि गांव में 39 बुखार पीड़ित ग्रामीणों के सैंपल लिए हैं। इनकी एलाइजा जांच कराई जाएगी। इसके अलावा 12 ग्रामीणों में टायफाइड के लक्षण देखते हुए उनकी टाइफाइड की जांच कराई गई थी, जिसमें चार ग्रामीणों में टाइफाइड की पुष्टि हुई है। 14 ग्रामीणों की मलेरिया की जांच कराई गई थी। सभी की मलेरिया जांच निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच के बाद उन्हें दवाएं भी दी गई हैं। शिविर में डॉ. हुमेरा, डॉ. दीक्षा, डॉ. कुणाल, डॉ. कोमल, अरविद, विजय एवं अक्षय आदि मौजूद रहे। ग्रामीणों को डेंगू जागरूकता के लिए गांव में पंपलेट भी बांटे गए हैं। बता दें कि गाधारौणा, मुंडलाना व भलस्वागाज बड़ी संख्या में ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं। विभाग ने शिविर लगाकर यहां उनके खून के सैंपल की जांच की थी। गाधारौणा गांव में 129 ग्रामीणों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा मुंडलाना में 12 डेंगू पीड़ित मिल चुके हैं। यहां और भी ग्रामीणों को डेंगू होने की आशंका है। सिरचंदी गांव में भी बुखार का कहर

रुड़की: भगवानपुर क्षेत्र के सिरचंदी गांव में भी बुखार का प्रकोप है। यहां कुछ ग्रामीणों में डेंगू की पुष्टि भी हो चुकी है। कुछ ग्रामीणों को रुड़की के निजी अस्पताल में भर्ती है। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को उनके गांव में भी शिविर लगाकर जांच बुखार पीड़ित ग्रामीणों के रक्त की जांच करानी चाहिए। ताकि पता चल सके कि आखिर बुखार किस कारण से है।


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