पढ़ाई न होने से अंधकार में डेढ़ सौ बच्चों का भविष्य
संवाद सहयोगी रुड़की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बिझौली के छात्रों का भविष्य अंधकार में ह
संवाद सहयोगी, रुड़की: राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बिझौली के छात्रों का भविष्य अंधकार में है। विद्यालय में लगभग डेढ़ सौ छात्र-छात्राएं हैं, लेकिन केवल एक प्रधानाध्यापक ही वहां तैनात है। प्रधानाध्यापक भी उर्दू के शिक्षक है। जिसके चलते विद्यालय में बच्चों को हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान और गणित आदि की पढ़ाई ही नहीं हो रही है।
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बिझौली में कक्षा छह से आठ में 150 के लगभग छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। विद्यालय में केवल एक प्रधानाध्यापक मोहम्मद सलीम अहमद ही तैनात है। उनके अलावा कोई भी शिक्षक विद्यालय में तैनात नहीं है। प्रधानाध्यापक उर्दू के शिक्षक है। जिस कारण बच्चों को विद्यालय मे हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान और गणित आदि विषय पढ़ाए ही नहीं जा रहे हैं। इसी परिसर में माध्यमिक विद्यालय भी है। उसमें आठ शिक्षक तैनात है। दोनों विद्यालयों को सामोजित किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन माध्यमिक विद्यालय का कोई भी शिक्षक इन बच्चों को नहीं पढ़ा रहा है। छमाही परीक्षाएं शुरू होने वाली है, लेकिन विद्यालय में एक भी दिन क्लास नहीं चली है। अभिभावक मनोज कुमार, सोनी कुमार, दीपक, गोविद, विकास, आर कुमार, विपिन, अंशुल, सुनीता देवी, पारुल रानी, दीपा देवी, गौरव कुमार, अंजली, रजत कुमार, उप प्रधान रविद्र एवं निखिल कुमार का कहना है कि यदि विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई शुरू नहीं होती है तो मजबूरन उन्हें आंदोलन और विद्यालय में तालाबंदी करनी पड़ेगी। उनके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। उप शिक्षा अधिकारी नारसन से इस संबंध में संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।