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कंप्यूटर घोटालेबाजों पर नहीं हुई कार्रवाई

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: शासन के आदेश के बाद भी नगर निगम में हुए कंप्यूटर घोटाले के

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 08:59 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 08:59 PM (IST)
कंप्यूटर घोटालेबाजों  पर नहीं हुई कार्रवाई
कंप्यूटर घोटालेबाजों पर नहीं हुई कार्रवाई

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: शासन के आदेश के बाद भी नगर निगम में हुए कंप्यूटर घोटाले के आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई तो दूर मुकदमा तक दर्ज नहीं हो सका है। शासन ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने को एक बार फिर नगर आयुक्त को रिमाइंडर भेजा है।

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आरटीआइ कार्यकर्ता और राष्ट्रीय सूचना अधिकार जागृति मिशन के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि शासन ने नगर निगम को सरकारी कामकाज के लिए 41 कंप्यूटर मुहैया कराए थे। नगर निगम हरिद्वार में तीन-चार टाइपिस्ट और निगम अंतर्गत संचालित तीन इंटर कॉलेजों में तीन टाइपिस्ट होने के चलते सात कंप्यूटरों की जरूरत थी। कंप्यूटर अधिक होने से निगम के प्रशासनिक अधिकारियों ने कंप्यूटरों को खुर्दबुर्द कर दिया। शर्मा ने आरटीआइ से इस प्रकरण को उजागर किया था। अधूरी जानकारी देने पर मामला राज्य सूचना आयोग में पहुंचा।

आयोग के निर्देश पर डीएम दीपक रावत ने सिटी मजिस्ट्रेट जय भारत ¨सह से मामले की जांच कराई। रिपोर्ट नगर आयुक्त डॉ. ललित नारायण मिश्र ने सूचना आयोग में प्रस्तुत की थी। सूचना आयुक्त राजेंद्र कोटियाल ने शहरी विकास सचिव को आदेश दिया था कि 17 कंप्यूटर, 42 मॉडम, 31 यूपीएस, 11 मॉनीटर, 22 सीपीयू आदि सामान की राशि आरोपितों से वसूली जाए और मुकदमा भी दर्ज कराया जाय। शासन ने 10 मई और 11 जून 2018 को नगर आयुक्त हरिद्वार को दोषी कार्मिकों के खिलाफ प्राथमिकी और वसूली की कार्रवाई करने के आदेश दिए। करीब छह माह बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है। इस पर शासन ने फिर रिमाइंडर भेजा है। इधर आरटीआइ कार्यकर्ता ने इसे ¨नदनीय कृत्य बताया है।


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