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-महापौर की दावेदारी को महिला नेत्रियों में घमासान

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: नगर निकाय चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा-कांग्रेस समेत विभिन्न

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 09:03 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 09:03 PM (IST)
-महापौर की दावेदारी को महिला नेत्रियों में घमासान
-महापौर की दावेदारी को महिला नेत्रियों में घमासान

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: नगर निकाय चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा-कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने हरिद्वार में भी अपनी चुनावी रणनीति को धार देना तेज कर दिया है। इसी के साथ महिला आरक्षित हरिद्वार महापौर सीट पर दलों में दावेदारी के लिए खूब जोर आजमाइश चल रही है।

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हरिद्वार में मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला रहता है। फिर भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी निर्णायक स्थिति में आने के लिए मैदान में उतरती हैं। अबकी बार इसमें खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में नया नाम आम आदमी पार्टी 'आप' का भी जुड़ गया है। भाजपा: कई दावेदार, काम करेंगे कई समीकरण

भाजपा में महापौर टिकट की दावेदारी को लेकर महिला नेत्रियों और उनके समर्थकों ने दिल्ली तक संपर्क साधने शुरू कर दिए हैं। भाजपा में राज्य उपभोक्ता फोरम की सदस्य अंजना चड्ढा, अन्नू कक्कड़, पूर्व महापौर मनोज गर्ग की पत्नी संगीता गर्ग भी दावेदारी जताई जा रही है। शहरी विकास मंत्री एवं हरिद्वार शहर विधायक मदन कौशिक खेमे और पंजाबी समाज की अंजना चड्ढ़ा, अन्नू कक्कड़ और कामिनी सडाना भी दावेदारी कर रही हैं। मदन कौशिक खेमे से होने का उनकों फायदा मिल सकता है। इनमें ज्यादातर भाजपा महिला नेताओं की शहर में अपनी पहचान तो है ही, साथ ही उनकी पार्टी के अधिकांश कार्यक्रमों में सक्रियता भी नजर आती है। एक अन्य दावेदार किरण जैसल के पति सुभाषचंद पार्षद रह चुके हैं। किरण उनके सहारे अपनी दावेदारी साध रही हैं। जबकि कुसुम गांधी अपने काम और पार्टी में अपनी सक्रियता के आधार पर टिकट मांग रही हैं। क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति, उत्तर रेलवे की सदस्य एवं राष्ट्रीय सेवाभारती मातृ मंडल की प्रदेश संरक्षिका सरिता अग्रवाल का नाम भी इस दौड़ में प्रमुख बताया जा रहा है।

आरएसएस की राष्ट्रीय सेवाभारती मातृ मंडल से उनका जुड़ाव, सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रियता उनकी पहचान है। पार्टी की चर्चाओं के अनुसार अंजना चड्ढा का राज्य उपभोक्ता फोरम का सदस्य होना महापौर पद के लिए उनकी दावेदारी में इसमें आड़े आ रहा है। हालांकि उनका कहना है कि वह हाल ही में राज्य उपभोक्ता फोरम की सदस्य बनी हैं और अगर पार्टी उन्हें महापौर का टिकट देती है तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, टिकट जातीय समेत विभिन्न समीकरणों के आधार पर दिया जाएगा।


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