जागरण संवाददाता, हरिद्वार: Muslim Fund Case: मुस्लिम फंड में करोड़ों के गोलमाल में मास्टर माइंड अब्दुल रज्जाक की कहानी का सबसे बड़ा किरदार पुलिस की तहकीकात में फर्जी निकला है। रज्जाक ने पुलिस को बताया था कि संभल निवासी अंसार ने उसे लंदन से फंडिंग कराने का झांसा दिया था।
छानबीन में पता चला है कि अंसार नामक कोई शख्स है ही नहीं। खुद को अंसार बताने वाला व्यक्ति जिस मोबाइल फोन नंबर का इस्तेमाल कर रहा था, वह गढ़मुक्तेश्वर निवासी किसी दूसरे व्यक्ति का निकला है।
आगे-आगे और उलझता नजर आ रहा मामला
पुलिस की छानबीन में पता चला है कि खुद को अंसार बताने वाले व्यक्ति ने पिछले एक साल में किसी दूसरे मोबाइल फोन नंबर पर संपर्क तक नहीं साधा है। वह केवल रज्जाक व उसके साथियों से ही इस नंबर से बात करता था। इससे मामला आगे-आगे और उलझता नजर आ रहा है।
हाफिज रज्जाक की गिरफ्तारी के बाद उसने विदेश से सौ करोड़ रुपये की फंडिंग के लालच में आकर साढ़े तीन करोड़ रुपये गंवाने की कहानी पुलिस को सुनाई थी। जबकि बाकी तीन करोड़ रुपये पुरानी करेंसी बदलने के लालच में ठगे जाने का दावा किया था।
पहली कहानी में अहम भूमिका अदा करने वाल जिस अंसार का नाम उछला है, असल में वह अंसार नहीं है। वह बेहद शातिर है। इसलिए उसने रज्जाक व उसके साथियों से हमेशा से व्हाटसएप पर ही संपर्क किया था।
सीडीआर निकालने पर पता चला है कि मोबाइल फोन नंबर पर पिछले एक साल में एक भी फोन काल न आई है, न ही उसने किसी अन्य को काल की। जाहिर है कि अंसार ने पूरी प्लानिंग करने के बाद ही ठगी की प्लानिंग की थी। वहीं, मुंबई का निवासी बताए गए दूसरे शख्स साजिद की सिम आइडी भी दिल्ली की निकली है।
हालांकि, पुलिस ने उम्मीद और प्रयास नहीं छोड़ा है, जल्द सफलता मिलने की उम्मीद है। वहीं, अब्दुल रज्जाक ने 85 लाख की रकम एक बैंक खाते में जमा करने की बात कही है। यह खाता किसी आकाश राणा नाम के नाम बताया जा रहा है। कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि आरोपितों की तलाश जारी है।
दूसरे मुस्लिम फंड में लगी लाइनें
रज्जाक के मुस्लिम फंड में करोड़ों डूबने के बाद दूसरे मुस्लिम फंड से भी खातेदारों का विश्वास उठ गया है। कई अन्य मुस्लिम फंड से अपने पैसे निकालने वालों की लंबी लाइन लगी हुई है।
वहीं, एक मुस्लिम फंड के संचालक के फरार होने की तैयारी को लेकर भी कई तरह की चर्चा बनी हुई है। दूसरी तरफ पुलिस ने भी बाकी मुस्लिम फंड संचालकों को चेतावनी दी है कि एक सप्ताह में खाताधारों को उनकी रकम लौटा दें। कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, इस तरीके का लेन-देन गलत है।