बरसी पर नगमों से याद किए गए मोहम्मद रफी
जागरण संवाददाता हरिद्वार सदाबहार गायक मोहम्मद रफी की 40वीं पुण्यतिथि पर गायकों और संगी
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: सदाबहार गायक मोहम्मद रफी की 40वीं पुण्यतिथि पर गायकों और संगीत प्रेमियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। ज्वालापुर के अहबाबनगर में गीतकार व शायर सकलैन ज्वालापुरी ने उनसे अपनी यादगार मुलाकात की चर्चा करते हुए कई संस्करण सुनाए।
गीतों भरी श्रद्धांजलि की कड़ी में अख्लाक अंजुम ने बिना तुम्हारे मजा क्या है ऐसे जीने में, सलीम अहमद अंसारी ने टुकड़े हैं मेरे दिल के ऐ यार, मोहम्मद सकलैन ने फिर वह भूली सी याद आई है, फुरकान अंसारी ने वक्त मेरे गीतों का खजाना ढूंढेगा। डॉ. जाहिद ने कहां जा रहा है तू ऐ जाने वाले, मेहरबान ने कैसे जीते हैं, ये लोग बता दो यारों, शेर आलम ने तू ही वह हसीं है गाकर मोहम्मद रफी को याद किया। अध्यक्षता कर रहे जनाब महमूद झंकार ने भी गजल पेश की। संचालन सकलैन ज्वालापुरी ने किया।