Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां कौमी तरानों से गूंज उठती हैं मदरसे की मीनारें

    By BhanuEdited By:
    Updated: Tue, 07 Aug 2018 12:46 PM (IST)

    ज्वालापुर के मदरसा इस्लामिया रशीदिया में स्वतंत्रता दिवस बेहद खास होता है। यहां सुबह (फज्र) की नमाज के बाद मदरसे के छात्र-छात्राएं तिरंगे के साथ प्रभा ...और पढ़ें

    Hero Image
    यहां कौमी तरानों से गूंज उठती हैं मदरसे की मीनारें

    हरिद्वार, [मेहताब आलम]: आजादी का मुबारक दिन यानी स्वतंत्रता दिवस यूं तो पूरे मुल्क में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन, ज्वालापुर के मदरसा इस्लामिया रशीदिया में यह दिन बेहद खास होता है। वजह है इस पावन मौके पर यहां आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम। यहां सुबह (फज्र) की नमाज के बाद मदरसे के छात्र-छात्राएं तिरंगे के साथ प्रभातफेरी निकालते हैं। साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों के लिए उलेमा खास दुआ कराते हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खास बात यह कि राष्ट्रप्रेम, राष्ट्र की बेहतरी, सुरक्षा और कौमी एकता के लिए की जाने वाली इस विशेष दुआ में सभी धर्मों के लोग शिरकत फरमाते हैं। इस दौरान मदरसे की मीनारें कौमी तरानों से गूंज उठती हैं।

    शहर के स्कूल, कॉलेज और तमाम शैक्षणिक संस्थानों के साथ ज्वालापुर के तेलियान स्थित मदरसा इस्लामिया रशीदिया में भी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जश्न के साथ मनाया जाता है। मदरसे में स्थानीय छात्र-छात्राओं के अलावा गैर जनपद और बाहरी सूबों से बड़ी तादाद में बच्चे तालिब-ए-इल्म अरबी, उर्दू और ङ्क्षहदी-अंग्रेजी की तालीम हासिल करने आते हैं। 

    कौम-ए-आजादी को लेकर मदरसे में पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं। मदरसा के मोहतमिम (प्रबंधक) मौलाना इकबाल कासमी बताते हैं कि स्वतंत्रता दिवस पर फज्र की नमाज के बाद मदरसे के बच्चों को प्रभातफेरी के कायदे बताए जाते हैं। इसके बाद छात्र-छात्राओं के साथ मदरसे के शिक्षक भी फेरी के लिए निकल पड़ते हैं। 

    लौटने पर ध्वजारोहण किया जाता है और राष्ट्रगान के बाद छात्र-छात्राएं कौमी तराने पेश करते हैं। बच्चों में देशभक्ति का जज्बा भरने के लिए आंदोलन में दारुल उलूम देवबंद और उलेमाओं के योगदान पर रोशनी डाली जाती है। साथ ही शहीद-ए-आजम भगत ङ्क्षसह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां सहित उन उलेमाओं के बारे में भी बताया जाता है, जिन्होंने मुल्क की खातिर जान दी। इसके बाद उलेमा आजादी के नायक और शहीदों को खिराज-ए-अकीदत पेश करते हुए दुआ कराते हैं।

    दुआ में शामिल होते हैं हर धर्म के लोग

    मिश्रित आबादी वाले ज्वालापुर में मदरसा इस्लामिया रशीदिया के आसपास भी हर धर्म से जुड़े लोग रहते हैं। स्वत्रतंत्रा दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने और बच्चों की हौसलाअफजाई के लिए सभी लोग प्रभातफेरी में पहुंचते हैं। दुआ में भी तमाम लोग शिरकत फरमाते हैं।

    यह भी पढ़ें: गंगा के मायके में देशभक्ति का रंग, निकलती है तिरंगा महाकांवड़ यात्रा

    यह भी पढ़ें: आजादी के दीवानों की याद ताजा रखने के लिए निकाला ये अनूठा तरीका

    यह भी पढ़ें: इस वृक्ष पर दी गई 152 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी, अब होती है पूजा