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मांस से नहीं, मादा गुलदार की गंध से पिंजरे में कैद हुआ गुलदार

वन विभाग की टीम ने भेल क्षेत्र से गुलदार को पकड़ा है। दिलचस्प बात यह है कि गुलदार मांस की नहीं बल्कि मादा गुलदार की गंध से पिंजरे में फंसा।

By Edited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 07:54 PM (IST)
मांस से नहीं, मादा गुलदार की गंध से पिंजरे में कैद हुआ गुलदार

हरिद्वार, जेएनएन। वन विभाग की टीम ने भेल क्षेत्र से गुलदार को पकड़ा है। दिलचस्प बात यह रही कि गुलदार मांस की बजाय मादा गुलदार की गंध के आकर्षण में आकर पिंजरे में कैद हुआ। यह गुलदार बीते तीन महीने से भेल और आसपास के इलाकों में नजर आ रहा था, जिससे लोगों में दहशत बनी हुई थी। हालांकि गुलदार ने अब तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। लेकिन, एहतियात के तौर पर लोगों ने गुलदार को पकड़ने की गुहार लगाई थी। गुलदार को पकड़कर चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है, जहां उस पर अध्ययन करने के बाद जंगल में छोड़ा जाएगा। 

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पिछले दिनों वन विभाग की टीम ने हाथी को पकड़कर मीठावाली कैंप भेज दिया था। लेकिन, भेल क्षेत्र में गुलदार नजर आने से लोग काफी डर गए थे। लोगों ने गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग से मांग की थी। इस पर एक सप्ताह पहले वन विभाग की ओर से पिंजरा लगाया गया था, लेकिन गुलदार कैद नहीं हो पा रहा था। तमाम कोशिशें फेल होने पर वन विभाग के डॉक्टर और प्रभागीय वनाधिकारी आकाश कुमार वर्मा ने मादा गुलदार के यूरीन को पिंजरे में रखा और छिड़का। जिसकी गंध से आकर्षित होकर रविवार रात 12 बजे फाउंड्री गेट के पास स्थित एक नलकूप पर गुलदार पिंजरे में फंस गया। 

गुलदार को पकड़कर चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है, जहां डॉ. अमित कुमार ध्यानी उस पर रिसर्च करेंगे। दो दिन के अध्ययन के बाद गुलदार को घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा। टीम में रेंजर दिनेश प्रसाद नौडियाल, वन दारोगा ओपी सिंह, गौरव, नंद किशोर पांडेय आदि मौजूद रहे।

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