फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में चार शिक्षकों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
हरिद्वार में फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र जमा कराने वाले चार शिक्षकों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है।
रुड़की, जेएनएन। नियुक्ति के समय फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र जमा कराने वाले चार शिक्षकों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा एसआइटी की जांच के बाद उप शिक्षा अधिकारी की तरफ से दर्ज कराया गया है। जिन चार शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। उनमें से तीन शिक्षक महमूदपुर राजकीय प्राथमिक विद्यालय में तैनात है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
उप शिक्षा अधिकारी रुड़की ने गंगनहर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी। जिसमें बताया था कि गौतम पाल सिंह गंनगहर कोतवाली क्षेत्र के शेखपुरी मोहल्ला निवासी हैं। इस समय गौतमपाल रुड़की क्षेत्र के भौंरी राजकीय प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं। बताया गया है कि वर्ष 2009 में गौतम पाल की नियुक्त हुई थी।
नियुक्ति के समय सहायक अध्यापक गौतम पाल ने वर्ष 2003 में बनाया गया स्थाई निवासी प्रमाण पत्र विभाग में जमा कराया था। इस मामले में शिकायत के बाद एसआइटी ने जांच की थी। एसआइटी की जांच में सहायक अध्यापक गौतम पाल का स्थाई निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। एसआइटी के निर्देश के बाद उप शिक्षा अधिकारी ब्रजपाल ङ्क्षसह राठौर ने पुलिस को तहरीर दी थी। गंगनहर कोतवाली पुलिस ने तहरीर पर गौतम पाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
इसके अलावा कलियर क्षेत्र के महमूदपुर राजकीय प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक जयवीर सिंह निवासी शिवपुरम, पनियाला रोड, इंद्रवीर सिंह निवासी पूर्वावली गणेशपुर, रविंद्र सिंह निवासी राजपुताना पश्चिम, कुंदन हलवाई वाली गली, गंगनहर कोतवाली रुड़की के 2003 में बने स्थाई निवास प्रमाण पत्र भी एसआइटी की जांच में फर्जी निकले। यह तीनों सहायक अध्यापक भी 2009 में तैनात हुए थे। गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश साह ने बताया कि एसआइटी की जांच के बाद उप शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर महमूदपुर राजकीय प्राथमिक विद्यालय के सहायक शिक्षक इंद्रवीर सिंह, रविंद्र सिंह और जयवीर पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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एक ही दलाल से प्रमाण पत्र बनवाने की आशंका
सभी चार सहायक अध्यापकों के स्थाई प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के पीछे यह आशंका जताई जा रही है कि इन सभी ने एक ही दलाल से यह फर्जी प्रमाण पत्र बनवाये थे। पुलिस इसकी भी जांच करेगी कि इन सभी ने किसके माध्यम से यह फर्जी प्रमाण पत्र बनवाये थे। इसके पीछे और कौन लोग है। उन्हें भी बेनकाब किया जाएगा।
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