आखिरकार मुर्गे के लालच में पिजरे में फंसी मादा गुलदार
दो माह बाद आखिरकार मुर्गे के लालच में मादा गुलदार पिजरे में फंस ही गयी
संवाद सूत्र, भगवानपुर: दो माह बाद आखिरकार मुर्गे के लालच में मादा गुलदार पिजरे में फंस ही गई। वन विभाग की टीम काफी समय से उसे लालच देकर पिजरे में फंसाने का प्रयास कर रही थी। वन विभाग की टीम के साथ- साथ ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।
भगवानपुर के गी सईदपुर गांव की आबादी में पिछले करीब दो माह से गुलदार की दहशत बनी थी। गुलदार ने गांव में कुत्ते को भी निवाला बनाया था। यहां तक कि गुलदार को पकड़ने के लिए जो एक माह पहले पिजरा लगाया गया था। गुलदार ने उसमें निवाला बनाकर रखे गए मेमने का भी शिकार कर लिया था। इसके बाद से वन विभाग के रेंजर मयंक गर्ग और पशु चिकित्सक अमित ध्यानी ने रेस्क्यू टीम के साथ पिजरे को एक खास प्वाइंट पर लगाया था। इस पिजरे में गुलदार को पकड़ने के लिए मुर्गे लगाए थे। रविवार की सुबह करीब छह बजे गुलदार जैसे ही मुर्गे को खाने पहुंची तो वह पिंजरे मे फंस गयी। गुलदार के पिजरे में फंसने की आवाज जैसे ही कुछ दूरी पर स्थित वन विभाग की टीम को हुई तो वह मौके पर पहुंची। गुलदार को पिजरे में कैद देख सूचना अधिकारियों को दी गई। इसके बाद अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। गुलदार के कैद होने की जानकारी मिलने पर काफी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। रुड़की वन विभाग के रेंजर मयंक गर्ग ने बताया कि गुलदार मादा है और उम्र करीब छह साल है। एक माह से उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे थे। मादा गुलदार को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए चिड़ियापुर स्थित वन जीव पुनर्वास केंद्र भेजा गया है। इसके बाद गुलदार को जंगल में छोड़ दिया जाएगा।