लखीमपुर खीरी घटना में मृत किसानों की अस्थियां गंगा में विसर्जित
लखीमपुर- खीरी किसान आंदोलन में मृत किसानों और पत्रकार की अस्थियां गंगा में विधि-विधान के साथ विसर्जित की गयी। किसानों ने किसान विरोधी भाजपा सरकार को देश-प्रदेश से उखाड़ने का संकल्प लिया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: लखीमपुर- खीरी किसान आंदोलन में मृत किसानों और पत्रकार की अस्थियां गंगा में विधि-विधान के साथ विसर्जित की गयी। किसानों ने किसान विरोधी भाजपा सरकार को देश-प्रदेश से उखाड़ने का संकल्प लिया।
लखीमपुर-खीरी में हुए किसान आंदोलन में किसान गुरविदर सिंह, दलजीत सिंह, लवप्रीत सिंह, नक्षत्र सिंह और पत्रकार रमन कश्यप शहीद हो गए थे। भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट की ओर से किसानों और पत्रकार की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने के लिए अस्थि कलश यात्रा 20 अक्टूबर से शुरू की गयी थी। शनिवार को जिलेभर में अस्थि कलश यात्रा दीनारपुर गुरुद्वारा से पुल जटवाड़ा, आर्यनगर ज्वालापुर, ऋषिकुल तिराहे से होते वीआइपी घाट पहुंची। किसानों और पत्रकार की अस्थियों पर अरदास और पूजा-अर्चना के बाद हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर प्रवाहित कर दिया गया। इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों का उत्पीड़न करने में लगी है। जब तक नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों से भी किसानों की अस्थियां कलश आने थे, लेकिन कुमाऊं मंडल में आई दैवी आपदा के चलते अस्थियां नहीं आ सकी। उन्हें अब एक नवंबर के बाद गंगा में विसर्जित की जाएगा। इस मौके पर यूनियन के प्रदेश महासचिव चौधरी रवि कुमार, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी, रामपाल सिंह, चौधरी सुकरमपाल सिंह, सुब्बो सिंह ढिल्लो, कुलवंत सिंह, दलबीर सिंह, सरदार निशान सिंह, जस्सा सिंह, हरेंद्र बालियान, कृपाल सिंह रावत, रणवीर सिंह चौहान, देवी प्रसाद आदि मौजूद रहे।