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माता-पिता कलियुग में साक्षात भगवान का रूप

निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर व शंकराचार्य आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी सोमेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि मां भगवती प्रधान प्रकृति बुद्धितत्व की जननी और विकार रहित हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 08:56 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 08:56 PM (IST)
माता-पिता कलियुग में साक्षात भगवान का रूप

हरिद्वार: निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर व शंकराचार्य आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी सोमेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि मां भगवती प्रधान प्रकृति, बुद्धितत्व की जननी और विकार रहित हैं। जो अंधकार रूपी राक्षसों से रक्षा करने वाली और कल्याणकारी हैं।

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बैरागी कैंप स्थित शंकराचार्य आश्रम में नवरात्र के छठे दिन मां की महिमा का सोमेश्वरानंद गिरि ने रसपान कराया। कहा कि देवी मां की शरण में आने वाला व्यक्ति ही इस संसार में सुख भोगकर अंत समय में बैकुंठ को प्राप्त होते हैं। क्योंकि संसारिक बंधनों से मुक्त करने वाली कल्याण रूपा मां भगवती ही जग की पालनकर्ता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता ही कलियुग में व्यक्ति के लिए साक्षात भगवान का रूप हैं, जो जीवनभर अपने बच्चों का पालन पोषण कर उन्हें सफलता दिलाने में पूर्ण प्रयासरत रहते हैं। माता-पिता के चरणों में ही व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति माता-पिता की सेवा सच्चे मन से करता है, मां भगवती उनसे सदैव प्रसन्न रहती है।(संस)


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