जागरण संवाददाता, रुड़की : JE-AE Paper Leak: राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते हुए सरकारी नौकरियों का सौदागर बना संजीव धारीवाल कभी नारसन में वीडियो गेम की दुकान चलाता था। इसी दुकान से उसका कद बढ़ना शुरू हुआ। बच्चों को वीडियो गेम खिलाकर उसने अच्छा-खासा धन जुटाया और बीड़ी-सिगरेट का होलसेल कारोबार शुरू किया।

इसके बाद क्षेत्र में केबल व्यवसाय किया और फिर फाइनेंस (ऋण देने) का काम करने लगा। इस दौरान रसूखदारों के बीच उसका उठना-बैठना शुरू हुआ और फिर वह भाजपा में शामिल हो गया। भाजपा में भी उसका कद निरंतर बढ़ा। गत वर्ष प्रधानी का चुनाव जीतने के बाद उसने संगठन में भी मंडल अध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी पा ली थी।

संजीव धारीवाल अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर

जेई और एई की भर्ती परीक्षा में धांधली करने का आरोपित भाजपा नेता संजीव धारीवाल अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है, मगर जांच में उसके जीवन से जुड़े राज एक-एक कर सामने आ रहे हैं। भाजपा के मंगलौर ग्रामीण मंडल के पूर्व अध्यक्ष संजय धारीवाल ने पिछले 17 वर्ष में जिस तरह सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं, उससे न सिर्फ उसके जानने वाले बल्कि क्षेत्रीय लोग भी हतप्रभ थे।

रुड़की (हरिद्वार) के मंगलौर क्षेत्र में पड़ने वाले गांव मोहम्मदपुर के निवासी संजय धारीवाल ने वर्ष 2005 में गांव से करीब ढाई किमी दूर नारसन कस्बे में किराये की दुकान में वीडियो गेम का सेट अप लगाया था। कुछ समय बाद संजय ने इसी दुकान में बीड़ी-सिगरेट का होलसेल कारोबार शुरू कर दिया। हालांकि, कुछ वर्ष बाद उसने वीडियो गेम और बीड़ी-सिगरेट का कारोबार बंद कर क्षेत्र में केबल व्यवसाय शुरू किया।

वर्ष 2017 में संजय फाइनेंस के कारोबार में उतरा और छोटे व्यापारियों व अन्य लोगों को ऊंचे ब्याज पर ऋण बांटने लगा, साथ ही उसने केबल का काम बंद कर दिया। इसी वर्ष संजय भाजपा में शामिल हुआ। उसकी जान-पहचान कई रसूखदारों से हो गई। इसके कुछ समय बाद उसने नारसन में भूमि का एक टुकड़ा खरीदा और उस पर तीन मंजिला भवन बनाया।

वर्तमान में इस भवन के सबसे निचले तल को संजय ने किराये पर दिया हुआ है, जिसमें ई-लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है। ऊपर के दोनों तल खाली हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद संजय का कद और तेजी से बढ़ा।

सितंबर 2022 में ग्राम पंचायत का चुनाव जीतकर वह मोहम्मदपुर गांव का प्रधान बन गया। इसके कुछ महीने बाद जनवरी 2023 में भाजपा की ओर से उसे मंगलौर ग्रामीण का मंडल अध्यक्ष मनोनीत किया गया। हालांकि, लेखपाल भर्ती की धांधली सामने आने के बाद संगठन ने उससे इस्तीफा ले लिया।

पुलिस जुटा रही संपत्ति की जानकारी

संजीव धारीवाल की तलाश में जुटी पुलिस उसकी संपत्ति के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। जिससे पता चल सके कि उसने जेई-एई का पेपर बेचकर कितनी कमाई की।

उधर, संजय पर कानून का शिकंजे कसने के बाद कभी उसके साथ रहने वाले युवकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। उन्हें डर सता रहा है कि कहीं संजय की काली करतूतों की आंच उन तक न पहुंच जाए। क्योंकि, संजय की कुंडली खंगाल रही पुलिस उसके परिचितों से भी पूछताछ कर रही है।

ग्राम प्रधान के तीसरे चुनाव में मिली सफलता

संजय धारीवाल ने वर्ष 2022 में तीसरी बार ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ा, जिसमें वह 162 वोट के अंतर से जीत गया। इससे पहले के दोनों चुनाव में उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन, अंतिम चुनाव में भाजपा नेता होने का लाभ मिला और संजय की चुनावी नैया पार लग गई।

कुछ और नेताओं से भी जुड़े हैं तार

जेई और एई की भर्ती में हुई धांधली के तार नामजद भाजपा नेता संजय धारीवाल के साथ कुछ कांग्रेस नेताओं से भी जुड़े बताए जा रहे हैं। हालांकि, एसआइटी के अधिकारी अभी इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। लेकिन, चर्चा है कि इस मामले में कांग्रेस के नेताओं का भी गठजोड़ है। जो फिलहाल नेता भूमिगत हो गए हैं।

संजय धारीवाल की गिरफ्तारी होने पर ये चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। चर्चा यह भी है कि लेखपाल भर्ती में भी संजय धारीवाल की भूमिका रही। हालांकि, इस चर्चा से पर्दा संजय की गिरफ्तारी के बाद ही उठने की संभावना है।

आरोपित गए जेल, भाजपा नेता की तलाश में छापे

जेई और एई की परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार राज्य लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी और दो दलालों को रविवार सुबह कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। इस धांधली में शामिल भाजपा के मंगलौर मंडल का पूर्व अध्यक्ष संजय धारीवाल अभी फरार है। उसकी तलाश में एसआइटी छापेमारी कर रही है। धारीवाल के परिचितों के घर भी दबिश देकर उसके बारे में पूछताछ की जा रही है।

Edited By: Nirmala Bohra