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विद्या से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव: राज्यपाल

राज्यपाल व उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलाधिपति बेबीरानी मौर्य ने कहा कि संस्कृत हमारी संस्कृति का आधार है। विवि बेटियों को उच शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर दिलाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विद्या से समाज में अनुकूल और सकारात्मक परिवर्तन संभव है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:17 AM (IST)
विद्या से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव: राज्यपाल

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: राज्यपाल व उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलाधिपति बेबीरानी मौर्य ने कहा कि संस्कृत हमारी संस्कृति का आधार है। विवि बेटियों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर दिलाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विद्या से समाज में अनुकूल और सकारात्मक परिवर्तन संभव है। संस्कृत विवि के दीक्षा समारोह में राज्यपाल ने 32 को स्वर्ण पदक, दस को विद्या वारिधि उपाधि, दो को विद्या वाचस्पति डीलिट की मानद उपाधि के अलावा 5316 को विभिन्न विषयों की उपाधि दी गई।

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मंगलवार को राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने दीप जलाकर संस्कृत विवि के आठवें दीक्षा समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर यह विश्वविद्यालय संस्कृत में निहित ज्ञान को आधुनिक ज्ञान के साथ जोड़कर नई पीढ़ी को प्रशिक्षित कर रहा है। संस्कृत उत्तराखंड राज्य की द्वितीय राजभाषा है, जो गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि हिमालय से कन्याकुमारी तक सदियों से संस्कृत का अध्ययन, अध्यापन हो रहा है। संस्कृत को आमजन की भाषा बनाने को सोशल मीडिया से जोड़ा जाना चाहिए। साथ ही छात्र छात्राओं को सोशल क्रेडिट योजना से भी जोड़ा जाये। अगले वर्ष हरिद्वार महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संस्कृत से परिचित कराने का राज्यपाल ने आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि संस्कृत शिक्षा सचिव विनोद कुमार रतूड़ी ने कहा कि संस्कृत में जीवन का उद्देश्य छिपा है। संस्कृत से ही संस्कृति का आधार जुड़ा है। प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इंदू कुमार पांडेय ने आभार ज्ञापन किया। कुलपति प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत कर विश्वविद्यालय की उपलब्धि व योजनाओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान राज्यपाल के सचिव आरके सुधांशु, प्रो. जगदीश प्रसाद सेमवाल, प्रो. जगन्नाथ जोशी, उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के कुलपति प्रो. डॉ. सुनील जोशी, कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष प्रेमचंद शास्त्री आदि मौजूद रहे।

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इन्हें मिला विद्या वाचस्पति (डीलिट) की मानद उपाधि

राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने दीक्षा समारोह में ज्योतिष, वास्तु, साहित्य व दर्शन शास्त्र के विद्वान प्रो. जगन्नाथ जोशी और व्याकरण शास्त्र के विद्वान प्रो. जगदीश प्रसाद सेमवाल को उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से विद्या वाचस्पति (डीलिट) की मानद उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया।

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लोकसेवा आयोग से होगी विवि डिग्रियों की समस्या दूर

राज्यपाल ने पिछले वर्ष उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से निकली भर्तियों में विवि के कई डिग्रियों को मान्य न करने से छात्रों को होने वाली परेशानी को दूर कराने का भरोसा दिलाया।


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