Move to Jagran APP

अनुसंधान एवं नवाचार के साथ स्टार्ट-अप को मिलेगा बढ़ावा

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने संस्थान के 175 साल होने पर उत्तराखंड में मौजूद उच शिक्षण संस्थानों और रुड़की से 200 किमी के दायरे में मौजूद पड़ोसी राज्यों के संस्थानों से मिलकर अनुसंधान नवाचार और विकास (आरएंडडी) में ज्ञान सृजन और सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 07:12 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 07:12 PM (IST)
अनुसंधान एवं नवाचार के साथ स्टार्ट-अप को मिलेगा बढ़ावा
अनुसंधान एवं नवाचार के साथ स्टार्ट-अप को मिलेगा बढ़ावा

जागरण संवाददाता, रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने संस्थान के 175 साल होने पर उत्तराखंड में मौजूद उच्च शिक्षण संस्थानों और रुड़की से 200 किमी के दायरे में मौजूद पड़ोसी राज्यों के संस्थानों से मिलकर अनुसंधान, नवाचार और विकास (आरएंडडी) में ज्ञान, सृजन और सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। पांच चयनित शैक्षणिक संस्थानों में ग्राफिक एरा (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) देहरादून, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट देहरादून, नोएडा इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलाजी गौतमबुद्ध नगर, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी उत्तराखंड (श्रीनगर गढ़वाल) और कालेज आफ इंजीनियरिग रुड़की शामिल हैं।

loksabha election banner

आइआइटी रुड़की के सीनेट हाल में शुक्रवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे, बोर्ड आफ गवर्नर्स (बीओजी) आइआइटी रुड़की के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी और आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजित के चतुर्वेदी ने वर्चुअल हिस्सा लिया। इस अवसर पर आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि आइआइटी रुड़की का विलक्षण उत्पादन का एक समृद्ध इतिहास रहा है। यह साझेदारी बेहतर अनुसंधान और नवाचार को उत्प्रेरित करने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने में मदद करेगी। बीओजी आइआइटी रुड़की के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने साझेदारी के बारे में बताते हुए कहा कि आइआइटी रुड़की को नंबर एक अनुसंधान और नवाचार संस्थान के रूप में दर्जा दिया गया है। 2021 की संस्थानों की रैंकिग में आइआइटी रुड़की पांचवें स्थान पर है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 400वें स्थान पर है। कहा कि उत्तराखंड और उसके आसपास के पांच सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के साथ आइआइटी रुड़की की साझेदारी से हमारे राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजित के चतुर्वेदी ने कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य सहयोग के लिए रुड़की के आसपास के संस्थानों तक पहुंचना, महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान एवं नवाचार शुरू करने में मदद करना, विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों में प्रयोगशालाओं का निर्माण करना और फंड आकर्षित करना है। इस मौके पर आइआइटी रुड़की के उप निदेशक प्रोफेसर मनोरंजन परिदा, संस्थान की 175 वर्ष समारोह समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अरुण कुमार, समन्वय समिति के संयोजक प्रोफेसर संजीव मन्हास, समन्वयक समिति के सदस्य प्रोफेसर विवेक मलिक, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति प्रोफेसर एचएन नागराज, स्वामी राम हिमालयन विवि के कुलपति प्रोफेसर विजय धस्माना, नोएडा इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलाजी के निदेशक प्रोफेसर विनोद एम कापसे, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर एलके अवस्थी, कालेज आफ इंजीनियरिग रुड़की के निदेशक प्रोफेसर बृजमोहन सिंह आदि उपस्थित रहे। शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग व विकास को दिया जाएगा बढ़ावा

साझेदारी के माध्यम से शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग व विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। जिसमें अनुसंधान सहयोग, पीएचडी छात्रों का संयुक्त मार्गदर्शन, संकाय सदस्यों को पीएचडी फेलोशिप, सहयोगी संस्थानों से आइआइटी रुड़की में संकाय का दौरा, शोधार्थियों के दौरे का प्रविधान, अन्य के साथ-साथ भागीदार संस्थानों में अनुसंधान क्षमता स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए वित्त पोषण के संयुक्त प्रस्तावों की अनुमति देना शामिल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.